आगरा। रेंज साइबर थाने की टीम को बड़ी सफलता हाथ लगी है। रेंज साइबर टीम ने सरकारी संस्थाओं की फेक वेबसाइट बनाकर ठगी करने वाले इंडो – नाइजीरियन गैंग के सरगना समेत चार शातिरों को गिरफ्तार किया है। साइबर पुलिस ने शातिरों के पास से तीन लैपटॉप, पीओएस स्वैप मशीन, 75 बैंक पासबुक, 40 एटीएम कार्ड, दो दर्जन चैकबुक, समेत अन्य सामान बरामद किया गया है। गिरफ्तार किए गए शातिरों में गुरुग्राम के मानेसर रोड स्थित 4.1 स्ट्रीट में रह रहे नाइजीरियन गुडसटाइम संडे उर्फ बेंसन, गाजियाबाद के बसुंधरा निवासी तरुण यादव, संभल के असमौली में महमूद नगर निवासी आसिफ और संभल में नवाब पुर निवासी जसपाल शामिल हैं। पूछताछ में पता चला है कि शातिर अपराधी अब तक साइबर अपराध से करोड़ों कमा चुके हैं।
साइबर पर काफी समय से नाइजीरियन हैकर्स का गैंग सक्रिय था। नाइजीरियन हैकर्स का गैंग ने लोगों को अपना शिकार बनाने के लिए बंद पड़ी बीमा पॉलिसी का सहारा लिया। यह बंद पड़ी बीमा पॉलिसी धारक को उसका क्लेम दिलाने का प्रलोभन देकर पहले खाते में रकम जमा कराते और रकम खाते में आने के बाद उस खाता बंद कर देते थे। नाइजीरियन हैकर्स के गैंग के साथ भारतीय लोग भी जुड़े हुए थे।
हाल ही में शहर में एक व्यवसायी से को इस गैंग ने अपना शिकार बनाया था। व्यवसायी से इस गैंग ने 1.32 करोड़ की ठगी की थी जिसकी शिकायत पीड़ित व्यवसायी ने रेंज साइबर थाने में की थी। पीड़ित व्यवसायी प्रताप सिंह चाहर ने बताया कि उनकी कई बीमा पॉलिसी निष्क्रिय थीं। गूगल पर आइआरडीए की वेब साइट सर्च करने के दौरान वह शातिरों द्वारा बनाई फेक वेबसाइट खोल बैठे। इस पर क्लेम लेने के नियम सर्च किए तो वह जाल में फंसते चले गए। शातिर मार्जिन मनी और अन्य बहानों से धीरे-धीरे अलग-अलग खातों में 1.32 करोड़ रुपये जमा कराते गए। समय सीमा में कारोबारी को क्लेम नहीं मिला तो उन्हें शक हुआ जिसके बाद उन्होंने इसकी शिकायत रेंज साइबर थाने में की। जिसके बाद रेंज साइबर पुलिस सक्रिय हुई और इंडो – नाइजीरियन गैंग तक पहुँची और सरगना सहित चार लोगों को गिरफ्तार किया।