आगरा। कदम थिरके, मन झूम उठा और मंच पर उकेर दी गई भारतीय संस्कृति की जीवंत तस्वीर। दीपों की लौ-सी उज्जवल प्रतिभाएं जब कथक के घेरों में घूमीं, तो त्योहारों की आत्मा बोल उठी। हर प्रस्तुति जैसे कोई पर्व खुद चलकर मंच पर आ गया हो, यह दृश्य था कालिंदी इंस्टीट्यूट ऑफ डांस एंड म्यूज़िक के 21वें वार्षिकोत्सव मेगा डांस शो 2025 का, जिसकी थीम थी त्योहारों के रंग, कथक के संग।
खंदारी परिसर स्थित जेपी सभागार में हुए कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन से हुई, जिसमें डॉ. सुशील गुप्ता, डॉ. गिरधर शर्मा एवं त्रिलोक सिंह राणा, हेमंत भोजवानी, ओशिन शर्मा ने दीप प्रज्वलित कर उद्घाटन किया।
कार्यक्रम की शुरुआत गणेश वंदना और गुरु वंदना से हुई, जिसके बाद बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान तथा पहलगाम आतंकी हमले की प्रस्तुति ने दर्शकों को भावुक कर दिया। इसके उपरांत देश के विभिन्न त्योहारों की सांस्कृतिक छवियों को कथक नृत्य के माध्यम से मंच पर जीवंत किया गया।
17 विभिन्न नृत्य प्रस्तुतियों के माध्यम से होली, दीपावली, शिवरात्रि, नवदुर्गा, महिषासुर मर्दिनी, झूलेलाल जयंती, ईद, जन्माष्टमी, गुजराती पर्वों की झलकियां दिखाई गईं। कथक और फ्यूजन की संगति में पंजाबी कथक फ्यूजन, स्केटिंग डांस, ऑपरेशन सिंदूर और नटखट बंसीवाले जैसी प्रस्तुतियों ने तालियों की गड़गड़ाहट बटोरी।
संस्था की निदेशक रोशनी गिडवानी ने बताया कि भारतीय त्योहारों को अब तक लोकगीतों के माध्यम से प्रदर्शित किया जाता रहा है, लेकिन कथक एक देव विद्या है, देवताओं का नृत्य। जब त्योहारों को कथक से जोड़ा जाता है, तो वह दिव्यता और आनंद से भरपूर हो जाते हैं। इसी सोच के साथ हमने इस मंच पर हर प्रस्तुति को सजाया।
3 वर्ष से 50 वर्ष तक के 150 से अधिक प्रतिभागियों ने इस अवसर पर अपने नृत्य कौशल का प्रदर्शन किया। नन्हे बच्चों ने हाथ की मुद्राओं और भाव भंगिमाओं के माध्यम से त्योहारों की सुंदर झांकी प्रस्तुत की। पूरे वर्ष भर कथक साधना में लगे प्रतिभागियों को सम्मानित एवं पुरस्कृत किया गया।
कार्यक्रम के व्यवस्थापक हरीश गिडवानी एवं राहुल सर रहे, वहीं मंच संचालन जीविशा गिडवानी ने प्रभावी ढंग से किया। समारोह का समापन फैशन शो के साथ हुआ।