आगरा। कोरोना का कहर आगरा रेल मंडल पर बखूबी देखने को मिल रहा है। पिछले 7 दिनों में 60,000 से अधिक रिजर्वेशन टिकट कैंसिल हो चुके हैं। लगातार रिजर्वेशन टिकट कैंसिलेशन के कारण विभाग द्वारा अभी तक 2 करोड़ 72 लाख रुपए का रिफंड किया जा चुका है। लगातार रेलयात्रियों की घट रही संख्या से सिर्फ रेलवे अधिकारी ही परेशान नहीं है बल्कि इसका असर कुली वर्ग पर भी देखा जा रहा है। रेलयात्रियों की संख्या घटने का कारण कुलियों को काम नहीं मिल रहा है। रेलवे स्टेशन पर सन्नाटा पसरा हुआ है, कुली भी विश्राम गृह में खाली हाथ बैठे हुए हैं। कोरोना के कारण कुलियों के रोजी रोटी पर भी बन आई है।
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स्टेशन के बाहर बैठे कुलियों से वार्ता हुई तो उनका दर्द भी झलक गया। कुलियों का कहना था कि कोरोना ने उनकी आर्थिक कमर तोड़ दी है। प्रतिदिन कमाने खाने वाले कुलियों की आमदनी सिर्फ स्टेशन पर आने वाले यात्रियों के समान को ढोने से होती थी लेकिन पिछले एक हफ्ते से स्थिति विपरीत है। ताजमहल बंद होने के कारण विदेशी यात्री तो आ ही नहीं रहा है लेकिन अब आम यात्री भी सफर करने से कतरा रहा है। इसके कारण उन्हें काम नहीं मिल रहा है, उनकी रोजी रोटी पर बन आई है।
कुलियों का कहना है कि पिछले एक हफ्ते से वो घर से स्टेशन आ रहे है लेकिन खाली हाथ ही लौट रहे है। जब घर पहुँचने पर पत्नी और परिवार के लोग आमदनी के बारे में पूछते है तो उनकी आंखों से आंसू झलक जाते है। इस स्थिति के कारण वो आर्थिक रूप से कमजोर हो गए है इसका कारण सिर्फ कोरोना है।
इस विकराल स्थिति को देखकर कुलियों ने सरकार से मांग की है कि वो कोरोना से निपटने का जितना प्रयास कर रहे हैं वह सराहनीय है लेकिन सरकार को कुलियों पर भी ध्यान देना चाहिए। कोरोना के कारण उनकी आर्थिक स्थिति दिन-प्रतिदिन खराब होती जा रही है। इसलिए वे सरकार से मांग कर रहे हैं कि उन्हें आर्थिक मदद दी जाए।