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कांस्टेबल दीप्ति सिंह ने यूपी एसआई की परीक्षा की पास, भाई भी बना एसआई

by admin
Constable Deepti Singh passed UP SI exam, brother also became SI

Agra. यूपी एसआई का रिजल्ट जैसे ही घोषित हुआ तो दीप्ति के लिए यह दुगनी खुशी लेकर आया। दीप्ति सिंह इस परीक्षा में पास हुई और एसआई बनी तो वहीं उनका भाई भी इस परीक्षा को पास कर एसआई बन गया है।

यूपी एसआई का रिजल्ट जैसे ही घोषित हुआ तो दीप्ति के लिए यह दुगनी खुशी लेकर आया। दीप्ति सिंह इस परीक्षा में पास हुई और एसआई बनी तो वहीं उनका भाई भी इस परीक्षा को पास कर एसआई बन गया है। अब दोनों भाई बहन यूपी पुलिस में एसआई के पद पर जल्द ही जॉइनिंग करेंगे। दीप्ति सिंह के लिए यह पल बेहद ही भावुक थे और उन्होंने इस पूरी सफलता के लिए अपने माता-पिता की कड़ी मेहनत बताई।

जीआरपी में कांस्टेबल है दीप्ति

दीप्ति सिंह इस समय जीआरपी आगरा कैंट पर तैनात हैं। वह कांस्टेबल पद पर रहते हुए कोविड-19 का कार्यभार संभालती है। उनका भाई वैभव रेलवे में क्लर्क है और इस समय महू (एमपी) में तैनात है। दीप्ति सिंह ने बताया कि यूपी एसआई की परीक्षा की तैयारी दोनों ने साथ-साथ की थी और एग्जाम भी दिया। आज उसका परिणाम आया तो दोनों ही यूपी एसआई के लिए सिलेक्ट हो गए।

जीआरपी कॉन्स्टेबल दीप्ति सिंह ने बताया कि यूपी पुलिस में उनकी जॉइनिंग 2020 में हुई थी। वह 2020 बैच की कैडेट हैं लेकिन कांस्टेबल पद पर तैनात रहते हुए भी उन्हें संतुष्टि नहीं थी। इसीलिए अपने भविष्य को और बेहतर बनाने और परिवारी जनों के सपनों को पूरा करने के लिए उन्होंने यूपी एसआई की परीक्षा दी थी। बड़ा भाई भी रेलवे में क्लर्क है, उसने भी इस परीक्षा को दिया था। आज वह यूपी एसआई की परीक्षा में पास हो गई हैं। उनका कहना है कि उन्होंने इस पद के लिए सारी फॉर्मेलिटी पूरी कर ली थी। अब मेडिकल होना बाकी है जो जल्द ही हो जाएगा।

अब यूपीपीसीएस की करेंगी तैयारी

दीप्ति सिंह ने एसआई कांस्टेबल की परीक्षा पास कर ली है और जल्द ही उनके कंधों पर 2 स्टार भी नजर आएंगे लेकिन दीप्ति सिंह का कहना है कि उनका पड़ाव यहीं नहीं रुका है। वह अब यूपी पीसीएस की तैयारी भी करेंगे। दीप्ति सिंह का कहना है कि वह एक मध्यम परिवार से थी। शुरुआती दिनों में परिवार के लोगों ने उन्हें शिक्षित बनाने के लिए कड़ा संघर्ष भी करना पड़ा। मां पढ़ी लिखी थी तो उन्हें शिक्षा के महत्व की जानकारी थी। गांव का माहौल ऐसा ही था इसीलिए परिवार के लोगों ने गांव से दूर रहकर उनकी शिक्षा को पूरा कराया।

दीप्ति ने बताया कि मां आंगनवाड़ी में है और पिता का स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता। इसलिए वह घर पर ही रहते हैं। उनकी शिक्षा पूरी होने के बाद फिर उन्होंने कॉन्पिटिटिव एग्जाम देना शुरू कर दिया जिसमें सफलता भी हाथ लगी। भाई रेलवे में क्लर्क के पद पर ज्वाइन किया तो उन्होंने यूपी पुलिस ज्वाइन की। आज माता-पिता का संघर्ष काम आया। परिवार इन उपलब्धियों को लेकर उत्साहित और खुश है।

दीप्ति सिंह ने बताया कि जीआरपी कैंट से उन्होंने और उनकी एक सहेली शिवानी ने भी एसआई की परीक्षा पास की है लेकिन 2000 बैच के जितने भी महिला कॉन्स्टेबल है जो हर थाने में तैनात हैं उनमें से एक या दो हर थाने से एसआई बन गई हैं, क्योंकि उन्होंने भी इस परीक्षा को दिया था।

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