आगरा। लॉकडाउन के वक्त तीन महीने बिजली का बिल माफ करने का आंदोलन चलाने वाली कांग्रेस ने एक बार फिर आर पार की लड़ाई शुरू कर दी है। बताते चलें कि कांग्रेस ने आगरा शहर की निजी बिजली प्रदाता कंपनी टोरेंट से अपील की थी कि लॉकडाउन के तीन महीने के कार्यकाल में लोग जहां आर्थिक तंगी से जूझे, ऐसे में लोगों को राहत देने के लिए बिजली बिल माफ कर दिया जाए। जिस पर जिला प्रशासन और टोरंट ने कोई निर्णय नहीं लिया। यही वजह थी कि जहां मंगलवार को कांग्रेस की जिलाध्यक्ष मनोज दीक्षित के नेतृत्व में भारी कांग्रेसी टोरेंट कार्यालय पर धरना दे रहे थे जिसके चलते पुलिस से तीखी झड़प हुई और लाठीचार्ज करना पड़ा। इसके बावजूद कांग्रेस ने अपना आंदोलन खत्म नहीं किया है। 8 कांग्रेसियों के जेल जाने के बाद अब कांग्रेस इस आंदोलन को आर-पार लड़ाई लड़ने के मूड में आ गई है।
बुधवार को एक बार फिर तमाम कांग्रेसियों ने इस लड़ाई को आगे बढ़ाते हुए सुभाष पार्क चौराहे से कलेक्ट्रेट की ओर कूच करना शुरू कर दिया। कांग्रेसियों के पैदल मार्च की सूचना पर पुलिस प्रशासन हरकत में आ गया और आनन-फानन में सुभाष पार्क चौराहे पर ही बेरिकेटिंग डालकर सभी कांग्रेसियों को रोक दिया गया।
कांग्रेस की वरिष्ठ नेत्री शबाना खंडेलवाल का कहना था कि कांग्रेस पार्टी लॉकडाउन की अवधि के टोरेंट बिल और स्कूल फीस माफ किए जाने की मांग कर रहे हैं, माफ नहीं कर सकते तो बिल को हाफ किया जाए, अगर ऐसा भी नहीं हो सकता है तो हमारा प्रयास है कि भाजपा को साफ किया जाए। हम कांग्रेसी लगातार गरीब व आम जनता की आवाज उठा रहे हैं लेकिन हमारे ऊपर मुकदमा कर आवाज को दबाया जा रहा है।
कांग्रेस नेताओं का कहना था कि जिला प्रशासन आगरा औऱ उत्तर प्रदेश सरकार जनहित में चलाए जा रहे आंदोलन को दबाना चाहती है। बेवजह कांग्रेसियों को जेल भेजा जा रहा है मगर कांग्रेस इसे कतई बर्दाश्त नहीं करेगी।
जिला प्रशासन की ओर से मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में कांग्रेस नेताओं का ज्ञापन को सुभाष पार्क चौराहे पर ही ले लिया गया है। ज्ञापन के माध्यम से जहां कांग्रेस ने लॉकडाउन के तीन महीने के कार्यकाल में बिजली बिल माफी की मांग की है तो वहीं कांग्रेस नेताओं पर लगाए गए मुकदमे सशर्त हटाए जाने की मांग कांग्रेस नेता कर रहे हैं।