मथुरा। केरल विमान हादसे में जान गवाने वाले एयर इंडिया के को-पायलट अखिलेश शर्मा का पार्थिव शरीर को मथुरा के गोविंद नगर लाया गया। जैसे ही अखिलेश का पार्थिव शरीर घर पहुँचा, परिवार में चीखपुकार मच गई तो गांव के हर व्यक्ति की आंख नम नजर आई। अखिलेश के पार्थिव शरीर को देखते ही गर्भवती पत्नी मेघा और मां बालदेई बेहोश हो गईं। डॉक्टर भूदेव की टीम ने स्वास्थ्य की जांच की। अखिलेश की अंतिम शव यात्रा के दौरान भारी संख्या में उनके अंतिम दर्शन के लिये उमड़ पड़े। लोगों ने शमशान घाट पहुँच उन्हें श्रद्धांजलि भी दी। अखिलेश के छोटे भाई राहुल ने उनके पार्थिव शरीर को मुखाग्नि दी।
केरल के कोझिकोड में एयर इंडिया एक्सप्रेस विमान हादसे में को-पायलट अखिलेश की मृत्यु की सूचना मिलने पर अखिलेश के भाई भुवनेश शर्मा और बहनोई संजीव शर्मा शुक्रवार रात ही केरल रवाना हो गए थे। शनिवार रात करीब 11:15 बजे केरल से विमान द्वारा शव दिल्ली एयरपोर्ट लाया गया। सुबह 6:00 बजे शव गोविंद नगर स्थित निवास पर लाया गया। शव के पहुंचते ही परिवार में कोहराम मच गया। परिवार और आसपास की बड़ी संख्या में एकत्रित लोग वहां मौजूद थे। सभी की आंखें नम थीं। परिवार की महिला पुरुषों का रो रो कर बुरा हाल था। यहां से शव यात्रा मोक्ष पहुंची, जहां अंतिम संस्कार किया गया। अखिलेश के छोटे भाई भुवनेश शर्मा ने मुखाग्नि दी।
2017 में एयर इंडिया में नौकरी मिली थी –
को-पायलेट अखिलेश शर्मा तुलसीराम शर्मा के बड़े बेटे हैं। वे 2017 में एयर इंडिया में सहायक पायलट के पद पर भर्ती हुए थे और घर में उनके दो छोटे भाई हैं जबकि उनकी एक बड़ी बहन भी है। अखिलेश की शादी दो वर्ष पहले ही 10 दिसंबर को हुई थी। पत्नी मेघा अभी गर्भवती हैं और अगले कुछ दिनों में ही बच्चे की मां बनने वाली हैं। शुक्रवार को वंदे भारत मिशन के तहत एयर इंडिया एक्सप्रेस की फ्लाइट AXB-1344 दुबई से शाम 7:41 बजे कोझीकोड पहुंची थी। भारी बारिश के बीच रनवे नंबर 10 पर पायलट को इस बोइंग 737 को लैंडिंग कराने में दिक्कत आ रही थी। 2 बार लैंडिंग टाली भी गई। तीसरी कोशिश के दौरान फ्लाइट फिसल गई और रन-वे से आगे निकल गई। विमान 35 फीट गहरी खाई में गिर गया। हादसे में मृतकों का आंकड़ा 18 हो गया है। इनमें दोनों पायलट भी शामिल हैं।
अंतिम संस्कार में नही पहुँचा कोई जनप्रतिनिधि –
वंदे भारत मिशन के को – पायलट अखिलेश को अंतिम विदाई देने के लिए अंतिम संस्कार में एयर इंडिया के अधिकारी शामिल हुए लेकिन स्थानीय मंत्रियों और जिला प्रशासन का कोई अधिकारी नही पहुँचा। इस अनदेखी से हर कोई हैरान था। इसे लेकर परिवार में और अंतिम संस्कार में मौजूद लोगों में रोष व्याप्त था। लोगों का कहना था कि वंदे भारत मिशन के तहत अखिलेश ने अपने प्राण दिए हैं। ऐसे में उनको कोरोना योद्धा का दर्जा भी मिलना चाहिए। उनके अंतिम संस्कार में प्रशासन के किसी प्रतिनिधि को भी शामिल होना चाहिए था।
शहीद का दर्जा देने की उठी मांग –
अखिलेश के फूफा दाऊ दयाल ने मांग की कि अखिलेश को शहीद का दर्जा दिया जाना चाहिए और शहीद को परिजनों को जो सुविधाएं मिलती हैं वह दी जानी चाहिए। इस दौरान मृतक को-पायलट के पिता का रो-रो कर बुरा हाल था। वे गर्भवती बहू और उसके गर्भ में पल रहे बच्चे के भविष्य को लेकर चिंतित थे। उन्होंने एयर इंडिया और सरकार से मांग की कि उनकी बहू को नौकरी दी जाए, जिससे उसे किसी के सामने हाथ न फैलाना पड़े। उन्होंने कहा कि बेटे अखिलेश ने राष्ट्र हित में काम किया है। वह वंदे भारत की पहली फ्लाइट लेकर भारत आया था।