मथुरा। भारत सरकार व राज्य सरकार द्वारा बालविवाह रोकने के लिए हर सम्भव प्रयास लगातार किये जा रहे हैं लेकिन बाल विवाह जैसी कुप्रथा अपना विस्तार दिन प्रतिदिन करती जा रही है। इस कुप्रथा के मामले मथुरा जिले में भी लगातार बढ़ रहे है।
इस कुप्रथा को बढता देख एक बार फिर चाइल्ड लाइन मथुरा ने जिले में लोगों को बाल विवाह और बाल अधिकारों के प्रति जागरूक करने के लिया जागरूकता अभियान की शुरुआत की है। बाल विवाह के अधिकतर मामले ग्रामीण क्षेत्र से होते हैं, इसलिए ग्रामीण क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इस अभियान में सहयोग करने हेतु जनपद के सभी ग्राम प्रधानों को जिला पंचायतराज अधिकारी मथुरा द्वारा एक आदेश जारी किया गया जिससे चाइल्ड लाइन के इस अभियान से प्रधान जुड़े और चाइल्ड लाइन के पदाधिकारियों के साथ ग्रमीणों को बाल विवाह के प्रति जागरूक बनाये।
इस क्रम में चाइल्डलाइन मथुरा द्वारा ग्राम चौकडा़ एंव दरवे थाना मांट जनपद मथुरा में बाल विवाह के विरूद्ध जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। चाइल्ड लाइन मथुरा समन्वयक नरेन्द्र परिहार ने ग्रामीणों और मजदूरी करने वाली महिलाओं और पुरुषों को बाल विवाह जैसे अभिशाप के बारे के बताया कि किस तरह से माता पिता ही बाल विवाह कर अपने बच्चों का भविष्य खराब करते हैं। छोटी उम्र के शादी गैरकानूनी है और बच्चों के स्वास्थ्य के लिए भी ठीक नही है। बाल विवाह पर सरकार व पुलिस संख्त है ऐसा करने पर अभिभावकों को जेल भी हो सकती है। चाइल्ड लाइन समन्वयक ने बताया कि लाॅक डाउन के दौरान जनपद में बालविवाह एंव बाल मजदूरी से संबंधित मामलों में बढोत्तरी हुयी है जो कि एक चिन्ता का विषय है। अतः सरकार द्वारा हर सम्भव प्रयास करने के बाद भी बालविवाह एंव बाल मजदूरी से संबंधित मामले बढ़ते ही जा रहे हैं। हम सभी को मिलकर बाल विवाह एंव बाल मजदूरी से बच्चों को बचाकर एक उज्जवल भविष्य देने का प्रयास करना होगा। वहीं बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 में धारा 09 के अनुसार लड़की की आयु 18 वर्ष तथा लड़के की आयु 21 वर्ष निर्धारित की गई है। बाल विवाह को बढावा देने वाले लडकी पक्ष, लड़का पक्ष, पण्डित, टैण्ट वाला, बैण्ड वाला आदि जिम्मेदार लोगों को दो साल की सजा एंव 1 लाख रूपये का जुर्माना या दोनों हो सकता है।
चाइल्ड लाइन मथुरा समन्वयक नरेन्द्र परिहार ने बताया कि लाॅकडाउन को लोगों ने एक सुनहरा अवसर मानकर बाल विवाह को बहुत बढ़ावा दिया गया। लाॅकडाउन के दौरान चाइल्ड हेल्प लाइन नंबर 1098 के माध्यम से बाल विवाह से संबंधित लगभग 25 मामले चाइल्डलाइन मथुरा के पास आये जिनमें चाइल्डलाइन मथुरा टीम द्वारा उचित विधिक कार्यवाही कर जनपद की नाबालिग बालिका और बालकों को बाल विवाह जैसी दलदल में गिरने से बचाया गया।
लोगों को संबोधित करते हुए ग्राम प्रधान चौकडा़ पप्पू सिंह ने कहा कि उनकी ग्राम पंचायत में यदि कोई व्यक्ति अपने नाबालिग बालक एंव बालिकाओं का बाल विवाह करता है तो प्रशासन का सहयोग लेते हुए उस परिवार के विरूद्ध कड़ी वैधानिक कार्यवाही करवायी जायेगी। इसलिए बालिग होने तक सिर्फ अपने बच्चों को शिक्षित करने का प्रयास करे जिससे पढ़ लिखकर वो अपने भविष्य बना सके।
इस जागरूकता कार्यक्रम में ग्राम प्रधान, प्राइमरी स्कूल के हैड मास्टर आदि के साथ साथ महिलाऐं एंव पुरूष उपस्थित रहे।