मथुरा। भारत में लगातार कोरोनो वायरस के मामले बढ़ते जा रहे है जोकि बहुत ही चिंता का विषय है। इस महामारी की रोकथाम के लिए भारत सरकार और राज्य सरकार निरन्तर कड़े कदम उठा रही है, पूरे भारत को लॉक डाउन कर दिया गया है। जिस कारण से सभी लोग घरों में कैद होकर रह गए है। इस लॉक डाउन का असर बच्चो पर बहुत ज्यादा हो रहा है। 25 मार्च को चाइल्ड चाइल्ड लाइन मथुरा द्वारा लगभग 30 बच्चों से फोन के माध्यम से बात की गई। यह बच्चे मथुरा के शंकरपुरी कॉलोनी, नगला शिवजी, कृष्ण नगर, गोपाल नगर, बिरला मंदिर,आदि जगह के रहने वाले है।
बच्चों ने चाइल्ड लाइन सदस्यों को बताया कि वह घर में कैद होकर रह गए हैं, अपने स्कूल नहीं जा पा रहे है। उन्हें खेलने के लिए भी बाहर नहीं जाने दिया जा रहा है, सभी अपने स्कूल जाना चाहते हैं। वह अपनी मन पसन्द की चीज़ें नही खा पा रहे हैं। उनके परिजन घर का राशन लेने जा रहे है तो वह बहुत ही मुश्किल से मिला रहा है। उन्हें घर की जरूरत का सामान बहुत महंगा भी मिल रहा है। कुछ बच्चो के माता पिता दिहाड़ी मजदूर है। लॉक डाउन की वजह से उनके माता पिता काम पर नहीं जा पा रहे है। जिस कारण से उनके लिए पेट भरने का संकट उत्पन्न हो गया है। बच्चों ने बताया कि वह सरकार द्वारा सभी नियम का पालन कर रहे हैं। वह कोरोना से बच जाएंगे किंतु भूख से बच पाएंगे ये कहना मुश्किल है।
चाइल्ड लाइन एक आपातकालीन फोन सेवा है। जो मुसीबत में फंसे बच्चो की मदद करती है। जिसका टोल फ्री न 1098 है। इसके बाद भी चाइल्ड लाइन को लॉक डाउन के दौरान कार्य करने की अनुमति नही मिली। इस सम्बंध में चाइल्ड लाइन द्वारा जिलाधिकारी महोदय को भी पत्र लिखा गया है। जिस बिल्डिंग में चाइल्ड लाइन का कार्यलय संचालित है। उस मकान मालिक द्वारा भी चाइल्ड लाइन टीम को कार्यालय में प्रवेश करने से मना कर दिया। उन्होंने बताया कि वह कोरोना से बहुत भयभीत है। इसके बावजूद चाइल्ड लाइन टीम अपने घर से काम कर रही है और बच्चों का हौसला बढ़ा रही है।
चाइल्ड लाइन मथुरा कॉर्डिनेटर नरेन्द्र परिहार का कहना है कि चाइल्ड लाइन एक आपातकाल सेवा है। चाइल्ड ली के लॉक डाउन में अनुमति न मिलान दुखद है। किंतु हम फोन पर लगातार सक्रिय है। अगर किसी भी बच्चे की सूचना आती है कि वह किसी भी प्रकार की मुसीबत में है तो तत्काल चाइल्ड लाइन टीम उस बच्चे तक पहुँचेगी और उसकी सहायता करेगी। हम इस संकट की घड़ी में बच्चों की सहायता के लिए वचनबद्ध है।