मथुरा। एक और राज्य सरकार व जिला प्रशासन बच्चों की शिक्षा और स्वास्थ्य को लेकर गम्भीर है तो वहीं दूसरी और कुछ कर्मचारियों की लापरवाही से बच्चों की जान पर बन आती है। ऐसे ही एक मामला महावन क्षेत्र से सामने आया है, जहाँ आशा द्वारा एक वर्ष के बाद लगने वाला टीका बालिका को लगाया गया और टीकाकरण के बाद बालिका के शरीर पर फुंसियां व खुजली होने लगी। सूचना मिलने पर चाइल्ड लाइन द्वारा बालिका को तुरंत उपचार दिलाया गया जब जाकर उसे राहत मिली लेकिन फुंसियों से उसका शरीर भर गया।
चाइल्ड लाइन कोऑर्डिनेटर नरेंद्र परिहार ने बताया कि शुक्रवार सुबह चाइल्ड लाइन के टोल फ्री नम्बर 1098 पर पीड़ित परिवार ने सूचना दी कि उनकी 1 वर्षीय पुत्री को आशा द्वारा जन्म के बाद लगने वाला टीकाकरण किया गया। जिसके बाद से ही बालिका के पूरी शरीर पर खुजली और फुंसिया हो गई है, उसे उपचार भी नही दिया गया है। इस सूचना पर चाइल्ड लाइन सदस्य उक्त बालिका और उसके माता पिता के साथ को नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र गोकुल पहुंचे किन्तु वहां पर कोई भी स्वास्थ्य कर्मी मौजूद नहीं था। चाइल्ड लाइन सदस्य ने पूछताछ कि तो उपस्थित सफाईकर्मी ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि पिछले 6 दिन से वहां कोई भी स्वास्थ्य कर्मी कार्य पर नहीं आया है।
स्वास्थ्य केंद्र पर अव्यस्थाओं को देख चाइल्ड लाइन सदस्य उक्त बालिका को जिला अस्पताल लेकर पहुंचे वहां जाकर बालिका को आपातकालीन विभाग में दिखाया। चिकित्सक ने बालिका का उपचार किया और दवाईयां दी। लापरवाही का यह कोई पहला मामला नहीं है। इससे पूर्व भी जनपद मथुरा के गाँव बरखा में एक बच्ची के टीकाकरण के बाद पैरों में समस्या हो गयी थी।
चाइल्ड लाइन कोर्डिनेटर नरेन्द्र परिहार ने बताया कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर किसी भी कर्मचारी का न होना बहुत ही चिंता जनक है और स्वास्थ्य कर्मी अपने दायित्व के प्रति अपनी उदासीनता दर्शा रहे हैं। अगर किसी बच्चे को कोई स्वास्थ सम्बन्धी समस्या हुई तो मौके पर किसी भी कर्मचारी के न होने पर बच्चे की जान खतरे में आ सकती है। अतः चाइल्ड लाइन सदस्य इस सम्बन्ध में मुख्य चिकित्सा अधिकारी से मिलेंगे तथा उक्त मामले की जांच कराए जाने और दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही कराये जाने हेतु लिखित पत्र देंगे।