Home » छत्तीसगढ़ पुलिस ने मथुरा पहुंच इस महिला को लिया हिरासत में, मीडिया के पहुंचने पर सामने आया ये सच

छत्तीसगढ़ पुलिस ने मथुरा पहुंच इस महिला को लिया हिरासत में, मीडिया के पहुंचने पर सामने आया ये सच

by admin
Chhattisgarh Police took this woman into custody after reaching Mathura, this truth came to the fore when the media arrived

Mathura. छत्तीसगढ़ से आठ महीने पहले लापता हुई महिला सिपाही छत्तीसगढ़ पुलिस को वृंदावन में पोशाक बेचती हुई मिली। महिला सिपाही की गुमशुदगी उसकी मां ने दर्ज कराई थी जिसके बाद पुलिस उसकी तलाश में जुटी हुई थी। बताया जाता है कि महिला सिपाही ने छत्तीसगढ़ पुलिस के आलाधिकारियों पर मानसिक व शारीरिक शोषण के गंभीर आरोप लगाए हैं और न्याय न मिलने पर वो कान्हा की नगरी में आ कर रहने लगी। महिला सिपाही ने पुलिस के साथ वापस छत्तीसगढ़ जाने से साफ इनकार कर दिया। फिलहाल महिला सिपाही वृंदावन कोतवाली के सुपुर्द में है।

छत्तीसगढ़ पुलिस की स्पेशल टीम ने बुधवार की दोपहर परिक्रमा मार्ग स्थित गौरी गोपाल आश्रम के समीप सड़क किनारे पोशाक बेचते एक महिला को हिरासत में लिया और उसे वृंदावन कोतवाली लेकर आ गयी। सूचना मिलते ही मीडिया कर्मी भी मौके पर पहुँच गए। मीडिया को देख महिला सिपाही ने चौंकाने वाले खुलासे कर डाले। उसने कहा कि वह कोई अपराधी नहीं बल्कि छत्तीसगढ़ पुलिस की महिला आरक्षी है। पिछले आठ महीने से वो वृंदावन में रहकर जीवन यापन कर रही है। उसने मीडिया के सामने कहा कि पुलिस अधिकारियों द्वारा साजिशन मानसिक व शारीरिक शोषण किया जा रहा था। अपने शोषण के खिलाफ आवाज उठाते हुए उसने 2007 व 2016 में शिकायतें दर्ज करायी थीं लेकिन मामला पुलिस के अधिकारियों से जुड़ा होने के कारण कार्रवाई होना तो दूर उल्टे उसे ही साजिश में फंसाया जाने लगा। महिला आरक्षी ने अपने पति और मां पर भी गंभीर आरोप लगाए। कहा कि मां और पति ने उसकी मदद करने के बजाए पुलिस अधिकारियों का साथ दिया।

महिला आरक्षी ने बताया कि 2018 में वह जिस थाने में तैनात थी, उसी थाने में तैनात एक दरोगा ने उसका शारीरिक शोषण किया। परेशान होकर वह नौकरी से त्यागपत्र देकर वृंदावन आकर रहने लगी। 26 दिसंबर 2020 से वृंदावन में ही रह रही हूं। इस बारे में रायगढ़ के थाना राजेंद्र नगर के उपनिरीक्षक गुरविंदर सिंह संधू ने बताया कि आरक्षी की मां की तहरीर पर 21 अगस्त को गुमशुदगी दर्ज की गई थी। मानसिक और शारीरिक शोषण के संबंध में उपनिरीक्षक का कहना है कि यह जांच का विषय है।

Related Articles