Home » ‘सिंगल यूज़ प्लास्टिक को ख़त्म करने के लिए संवैधानिक व्यवस्था में परिवर्तन जरूरी’ – डॉ अरुण प्रताप

‘सिंगल यूज़ प्लास्टिक को ख़त्म करने के लिए संवैधानिक व्यवस्था में परिवर्तन जरूरी’ – डॉ अरुण प्रताप

by admin

आगरा। पर्यावरण संरक्षण गतिविधि, आगरा महानगर के कचरा प्रबंधन आयाम तथा संस्था कृषि एवम पर्यावरण शोध संस्थान संसाधन, आगरा द्वारा स्वच्छोत्सव सप्ताह 2023 का आयोजन दिनांक 2 अक्टूबर से 8 अक्टूबर तक आगरा शहर के विभिन्न स्थानों पर किया जा रहा है। इसके अंतर्गत प्रथम दिन आज राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती पर पर्यावरण सुरक्षा एवं स्वच्छता जागरूकता अभियान का आयोजन श्री गेंदालाल महेरे इंटर कॉलेज, निकट कैलाश मोड, सिकंदरा पर किया गया।कार्यक्रम की शुरुआत सर्वप्रथम मां सरस्वती के सामने दीप प्रज्वलित कर व राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के चित्र पर माल्यार्पण पर की गई।

मंच पर आसीन सभी अतिथियों का पटुका पहनाकर स्वागत किया गया। कार्यक्रम में पूर्व विधायक महेश गोयल ने सिंगल यूज प्लास्टिक को मानव और सभी जीव जंतुओं के लिए खतरनाक बताया। पर्यावरणविद् चंद्रशेखर शर्मा ने सभी से अपने आसपास के वातावरण को स्वच्छ व सुंदर रखने का आह्वान किया।

डॉ अरुण प्रताप सिकरवार ने अपने अध्यक्षीय भाषण में आज की प्लास्टिक विभिषिका के बारे में प्रकाश डाला। उन्होंने अवगत कराया है कैसे मानव सभ्यता की शुरुआत में सिर्फ मिट्टी की ही वस्तु होती थी, और फिर लगभग 5000 सालों से कांच की बर्तन और वस्तु बनाए जाने लगे। प्लास्टिक का अविष्कार 1907 में हुआ और आज यह हमारे जीवन का एक अभिन्न अंग हो गई है।

भारत देश में सिंगल यूज प्लास्टिक के प्रचलन को कम करने के लिए संवैधानिक व्यवस्था में परिवर्तन जरूरी है। छात्रों में प्लास्टिक की दुष्परणाम से संबंधित जागरूकता लाना अति आवश्यक है। बहुत जल्दी ही पेयजल की बॉटल की प्लास्टिक को बचाने की दिशा में, समुंद्र में पाए जाने वाली एल्गी को लेकर वाटर बॉल्स बनाए जाएंगे जो मुंह में जाते ही फट कर हमारी प्यास बुझाएंगे और लाखों टन की प्लास्टिक की बचत करेंगे। अब चावल, मक्का, गेंहू इत्यादि से बनाए जाने वाले बायोप्लास्टिक पर भी शोध किए जा रहे हैं, जिससे न सिर्फ किसान की आय बढ़ेगी, बल्कि प्लास्टिक का एक नया बायोडेग्रेडेबल ऑप्शन भी मिलेगा।

अभिषेक कपूर ने 3E के मंत्र को युवा वर्ग समझाया कि कैसे एजुकेशन, एंपावरमेंट एवम एनवायरमेंट की समझ हर व्यक्ति, खासकर युवा वर्ग के बच्चो में होनी चाहिए। उन्होंने बताया की आजकल गणेशा चतुर्थी पर गणेश की प्रतिमा को यमुना के जल में प्रवाहित करने के बजाय, कितना अच्छा हो हम लोग उसे घर पर ही पानी में डाल कर गला कर, उस मिट्टी के पानी को पेड़ पौधों में डाल दें। गणेश भगवान के प्रति यही हमारी सच्ची श्रद्धा होगी।

समाजसेवी डॉ आनंद राय ने पर्यावरण संरक्षण एवं संवर्धन के महत्व पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम में पर्यावरण संरक्षण की शपथ अमित लावण्या व रोतन सिंह द्वारा दिलाई गई। सभी उपस्थितजनों ने सिंगल यूज प्लास्टिक का कम से कम प्रयोग करने का संकल्प भी लिया। सभी को तुलसी जी के पौधों का वितरण भी किया गया। कार्यक्रम का संचालन सतीश भारद्वाज ने किया व धन्यवाद ज्ञापन मुकेश शर्मा ने किया। मीडिया प्रभार महावीर सिंघल ने संभाला।

कार्यक्रम में प्रमुख रूप से कचरा प्रबंधन प्रमुख राहुल कुलश्रेष्ठ, अनिल गोयल, मंजू वार्ष्णेय, प्रधानाचार्य जगदीश बंसल आदि सहित सैंकड़ों छात्र छात्राओं ने सहभागिता की।

मून ब्रेकिंग की ताजा अपडेट पाने के लिए आप हमारे व्हाट्सएप ग्रुप से भी जुड़ सकते हैं

https://chat.whatsapp.com/E6bwKgK5C6nF8ZrBGNagWT

Related Articles

Leave a Comment