Agra. भाजपा सरकार की ओर से इस समय आजादी का अमृत महोत्सव और चौरी चौरा शताब्दी समारोह मनाया जा रहा है। आजादी के अमृत महोत्सव व चौरा चौरी कांड के शताब्दी वर्ष समारोह के अंतर्गत आज काकोरी कांड की बरसी के अवसर पर स्थानीय प्रशासन की ओर से आगरा के शहीद स्मारक पर वीर सपूतों को याद किया गया तो वहीं स्वतंत्रता सेनानियों के सम्मान भी किया गया। इस कार्यक्रम में आम जनमानस के साथ-साथ छात्र छात्राओं जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक अधिकारियों ने भाग लिया।
कार्यक्रम की शुरुआत शहीद स्मारक पर लगी शहीदों की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर की गयी। इसके बाद एडीएम सिटी व विधायक पुरुषोत्तम खंडेलवाल, विधायक रामप्रताप चौहान, विधायक महेश गोयल ने संयुक्त रुप से आजादी की लड़ाई में शामिल हुई स्वतंत्रता सेनानी सरोज गौरिहार को शॉल उड़ाकर उनका सम्मान किया।
इसके बाद जनप्रतिनिधियों व समाज के प्रबुद्ध जनों ने काकोरी कांड पर प्रकाश डाला और युवा पीढी को काकोरी कांड के साथ चौरा चोरी कांड से रूबरू कराया। उन्हें यह भी बताया कि आजादी के दीवानों ने देश को आजाद कराने के लिए अपनी जान की परवाह किए बगैर क्या-क्या साहसिक कदम उठाए थे।
विधायक पुरुषोत्तम खंडेलवाल ने कहा कि आज का दिन अंग्रेजी दास्ताँ के खिलाफ सशस्त्र क्रांति के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज है। नौ अगस्त को एक ऐसा घटनाक्रम घटा जिसने अंगेजी हुकूमत की चूलें हिला दी थीं। क्रांतिकारियों ने ट्रेन से सरकारी खजाना लूट लिया था। उन पैसों से हथियार खरीदना था ताकि अंग्रेजों के खिलाफ युद्ध को मजबूती मिल सके। काकोरी ट्रेन डकैती में खजाना लूटने वाले क्रांतिकारी देश के विख्यात क्रांतिकारी संगठन ‘हिंदुस्तान रिपब्लिक एसोसिएशन’ (एचआरए) के सदस्य थे।
विधायक रामप्रताप चौहान ने बताया कि काकोरी की तरह ही चौरी चौरा कांड इतिहास में दर्ज है। 4 फरवरी 1922 में आजादी के वीर जवानों ने अंग्रेजी हुकूमत से भिड़ंत के बाद पुलिस चौकी में आग लगा दी थी। इस घटना में 11 सत्याग्रही शहीद हो गए थे, जबकि 22 पुलिस कर्मियों की मौत हो गई थी। गोरखपुर शहर से 26.3 किलो मीटर पूरब में स्थित ऐतिहासिक स्थल चौरी चौरा 4 फरवरी 1922 को हुए जनआंदोलन के लिए याद किया जाता है। इस जनआंदोलन में जहां पुलिसवालों की गोली का शिकार हुए क्रांतिकारियों को अपनी जान गंवानी पड़ी तो वहीं भीड़ के गुस्से का शिकार हुए 21 पुलिसवालों को थाने में जिंदा जला दिया गया था। इस जनआंदोलन में 19 क्रांतिकारियों को फांसी की सजा दी गई थी।
एडीएम सिटी प्रभाकांत अवस्थी ने बताया कि आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत चोरा चोरी कांड की बरसी मनाई जा रही है। 9 अगस्त भी भारत के इतिहास में दर्ज है। इसे पूरे सप्ताह मनाया जाएगा जिससे युवा पीढ़ी शहीदों के बारे में जान सकें।