Agra. सोमवार को दुनिया को शांति का संदेश देने वाले भगवान गौतम बुद्ध का त्रिविध पावन पर्व को धूमधाम से मनाया गया। कोविड काल के बाद इस पर्व पर हर्षो उल्लास के साथ धम्म यात्रा निकाली गई। यह धम्म यात्रा शहर भर में निकली और बौद्ध धर्म के साथ उनके शांति के संदेश गूंजते सुनाई दिए। इस दौरान सभी ने तथागत भगवान बौद्ध के बताए मार्गो व संदेशों से सभी को रूबरू कराया और उनके पद चिन्हों पर चलने के लिए प्रेरित भी किया।
भगवान तथागत बुद्ध विश्व भर में एक ऐसे व्यक्ति हैं जिन्होंने पूर्णिमा के दिन जन्म लिया। पूर्णिमा के दिन ही ज्ञान की प्राप्ति हुई और पूर्णिमा के दिन ही अपने शरीर को त्याग दिया था। बौद्ध अनुयाई बौद्ध पूर्णिमा को त्रिपावन पावन पर्व के रूप में मनाते हैं।
बुद्ध विहार प्रबंध समिति द्वारा सुबह छह बजे चक्कीपाट स्थित बुद्ध विहार से धम्म यात्रा निकाली गई। जिसमें तथागत बुद्ध की झांकी के साथ भंते उपासक-उपासिकाएं भगवान बुद्ध के संदेशों का पाठ करते हुए चल रहे थे। धम्म यात्रा औलिया रोड, नामनेर, ईदगाह, कलक्ट्रेट, सुंदरपाड़ा, छीपीटोला होते हुए वापस चक्कीपाट स्थित बुद्ध विहार पहुंची। यहां बच्चों का मुंडन संस्कार हुआ। त्रिशरण पंचशील देकर धर्मदेशना दी गई। भिक्षु संघ को भोजन दान किया गया।
डॉक्टर भीमराव आंबेडकर ने तथागत भगवान बुद्ध की प्रतिमा को पूर्व बुद्ध बुद्ध विहार चक्की पाठ पर स्थापित किया था। जब बाबा साहब का परिनिर्वाण दिवस हुआ तो उनके बाद उनके बेटे ने उनकी अस्थियों को भी यहीं लेकर आए थे और पूर्वोदय बुद्ध विहार पर ही उन्हें भी रखा गया था। बुद्ध अनुयायियों के लिए यह एक पवित्र स्थल है। सुबह से यहां पर बहुत अनुयायियों का तांता लगा रहा। सभी ने बाबा साहब द्वारा स्थापित बौद्ध प्रतिमा के दर्शन किए और पुष्प अर्पित कर उनके पद चिन्हों पर चलने का संकल्प।
पूर्वोदय बुद्ध विहार पर ही भंते द्वारा धम्म देशना का आयोजन किया गया था। बौद्ध अनुयाई पूर्वोदय बौद्ध बिहार पर एकत्रित हुए थे। यहां रहने वाले भक्तों द्वारा उन्हें गौतम बुद्ध के जीवन से रूबरू कराया गया, साथ ही उनके बताए मार्गों की भी जानकारी दी गई।