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पैदल मजदूरों को अन्य राज्यों के बॉर्डर तक पहुंचाने के लिए सेना ने संभाली कमान

by admin

आगरा। कोरोना वायरस को लेकर आगामी 14 अप्रैल तक पूरे देश में लॉकडाउन है। ऐसे में उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा और अन्य राज्यों के काम करने वाले मजदूर एक दूसरे राज्य में फंस गए थे। आगामी 14 अप्रैल तक इन मजदूरों के परिवार पर रोजी का संकट आया तो यह मजदूर अपने गांव शहर और राज्य के लिए निकल पड़ा। पिछले दो दिन से आगरा की सड़कों पर मजदूर का सैलाब देखा जा रहा है। इन मजदूरों को बॉर्डर पर पहुंचाने के लिए जिला प्रशासन ने प्राइवेट वाहन और रोडवेज की व्यवस्था की थी। मगर ओवरलोडिंग के चलते रोडवेज और प्राइवेट वाहन भी कम पड़ गए। ऐसे में जिला प्रशासन ने आगरा सेना से भी मदद मांगी। जिला प्रशासन के आग्रह पर सेना इन मजदूरों को बॉर्डर तक पहुंचाने के लिए आगे आई है। प्रतापपुरा चौराहे से सेना के ट्रकों में इन मजदूरों को उत्तर प्रदेश और राजस्थान के बॉर्डर सैंया पहुंचाया जा रहा है।

सेना के बड़े अधिकारी बताते हैं कि जिला प्रशासन के आग्रह पर सेना ने एक दर्जन ट्रक लगाए हैं। एक दर्जन ट्रकों में सभी मजदूर और उनके परिवार को सुरक्षित उत्तर प्रदेश और राजस्थान के बॉर्डर सैया पहुंचाया जा रहा है।

बताते चलें कि कोरोनावायरस को लेकर जहां केंद्र सरकार और विशेषज्ञों ने घर में रहने की सलाह दी है। ऐसे में मजदूरों का सड़कों पर सैलाब खतरनाक साबित हो सकता है। लिहाजा इसको जिला प्रशासन ने गंभीरता से लिया है। और सभी मजदूरों को जल्द से जल्द पहुंचाने के लिए उत्तर प्रदेश परिवहन निगम, प्राइवेट वाहन और सेना की मदद मांगी है और जल्द से जल्द इन मजदूरों को सड़कों से हटाकर बॉर्डर तक पहुंचाया जा रहा है।

पिछले दो दिन की अगर हम बात करें तो अधिकारियों के नेतृत्व में लगे सेना के 12 ट्रक में हजारों मजदूरों को बॉर्डर तक पहुंचाया जा चुका है और यह कार्य अभी भी जारी है। सेना के अधिकारी कहते हैं कि जब तक सड़कों से मजदूरों का सैलाब खत्म नहीं होगा तब तक सेना जिला प्रशासन की मदद को कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी रहेगी।

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