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दक्षिण विधानसभा सीट पर एक और नई दावेदारी से कांग्रेस पार्टी में मची खलबली

by admin
Another new claim in the South assembly seat created panic in the Congress party

Agra. आगरा की दक्षिण विधानसभा सीट पर कांग्रेस से दावेदारी करने वालों में एक और नाम शामिल हो गया है। इस नए नाम के शामिल होने से कांग्रेस के अन्य दावेदारों में खलबली मची हुई है तो वहीँ कांग्रेस पार्टी के अंदर भी रोचक स्थिति देखने को मिल रही है। इस सीट से अब देश की आजादी की लड़ाई में अपना योगदान देने वाले स्वतंत्रता सेनानी के बेटे ने चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर की है और इसके लिए अपना आवेदन भी कर दिया है।

आपकों बताते चले कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हाजी जामिलुद्दीन ने दक्षिण विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर की है। उनका कहना है कि हर पार्टी इस सीट से ब्राह्मण या फिर पंडित को चुनावी मैदान में उतार रही है जबकि इस सीट के समीकरण कुछ और है। सीट पर दलित और मुस्लिम वोट भी काफी संख्या में है। उन्होंने बिना नाम लिए कहा कि एक दल हमेशा से इस सीट पर हिन्दू मुस्लिम कराता है और चुनाव जीत जाता है लेकिन इस बार अगर पार्टी ने उन पर दांव खेला तो मुस्लिम के साथ दलित वोट भी मिलेगा।

हाजी जामिलुद्दीन कुरैशी ने बताया कि उनका पूरा परिवार आजादी की लड़ाई में शामिल हुआ और देश की आजादी के बाद से कट्टर कांग्रेसी बन गया। पिता के देहांत के बाद आज वो भी पार्टी की सेवा और खिदमत कर रहे हैं। पहली बार चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर की है। उन्होंने कहा कि पार्टी मजबूत और प्रतिष्ठित व्यक्ति को मैदान में उतारना चाहती है। इसलिए उन्होंने हाई कमान को अपना आवेदन दिया है।

दक्षिण विधानसभा सीट से दावेदारी करने वाले हाजी जमील उद्दीन कुरेशी शिक्षा जगत से जुड़े हुए हैं। कलेक्ट्रेट पर ही उनके स्कूल है और अभी तक हजारों बच्चों को बेहतर शिक्षा देकर उनका भविष्य बना चुके हैं। इतना ही नहीं इनकी मुस्लिम समाज में तो अच्छी पकड़ है वहीं अन्य समाजों में भी अच्छी छवि और साख बनी हुई है।

लगभग एक दर्जन दावेदार है इस सीट पर

दक्षिण विधानसभा सीट पर कांग्रेस सही लगभग 1 दर्जन से अधिक दावेदार अपनी दावेदारी कर रहे हैं लेकिन इन दावेदारों के बीच में इस नाम के शामिल होने से खलबली मची हुई है। क्योंकि हाईकमान तक पहुंच रखने वाले इस दावेदार ने पहली बार चुनाव लड़ने के लिए आवेदन किया है। इस दावेदार का नाम संभावित प्रत्याशियों की दौड़ में शामिल होने से हाईकमान को भी इस सीट प्रत्याशी घोषित करने के लिए काफी मंथन करना पड़ेगा।

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