कोरोना काल में जहां एक ओर खून के रिश्तों के साथ न देने की तस्वीरें आ रही हैैं वहीं ऐसे में पुलिस मृतक को कंधा देकर अंतिम संस्कार कर रही है।इसी तरह के हालातों में शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में दोस्ती की ऐसी मिसाल देखने को मिली कि किताबों और फिल्मों में हुआ दोस्ती का जिक्र जीवंत हो उठा। बता दें इटावा के एक मुस्लिम व्यक्ति सिराज ने हिंदू दोस्त की कोरोना से हुई मौत के बाद ऐसा याराना पेश किया कि हर कोई इस दोस्ती की सराहना कर रहा है। दरअसल जब मृतक से उसके अपनों ने मुंह मोड़ लिया तो मुस्लिम दोस्त ने 400 किलोमीटर दूर जाकर शव को मुखाग्नि देकर दोस्त को अंतिम विदाई दी।
मिली जानकारी के मुताबिक प्रयागराज की संगम नगरी के जयंतीपुर में हेम सिंह अकेले रहते थे। कुछ वर्ष पूर्व उनकी बेटी और पत्नी का देहांत हो गया था। हाईकोर्ट में ज्वाइंट रजिस्ट्रार के पद पर तैनात थे। करीब 1 सप्ताह पहले वे कोरोनावायरस की चपेट में आ गए।कोरोना ग्रसित होने के बाद हेमसिंह ने अपने मित्र सिराज चौधरी को फोन कर अपने कोरोना ग्रसित होने की जानकारी दी। साथ ही उपचार के लिए निजी अस्पताल में ₹2 लाख जमा करवाने के लिए कहा। जिसके बाद सिराज ने ₹200000 निजी अस्पताल के अकाउंट में ट्रांसफर कर दिए। लेकिन शुक्रवार को जब हेम सिंह की तबियत अचानक बिगड़ने लगी तो सिराज के पास कॉल आया और वे प्रयागराज के लिए रवाना हुए। लेकिन तब तक हेमसिंह दम तोड़ चुके थे।
सिराज ने बताया कि उन्होंने एक-एक करके कम से कम हेमसिंह के 20 रिश्तेदारों को कॉल किया लेकिन हेम सिंह को कंधा देने कोई नहीं आया। आखिरकार सिराज अपने दोस्त का शव एंबुलेंस में लेकर फाफामऊ घाट पहुंचे। सिराज ने बताया कि हेम सिंह के साथ रहने वाले संदीप और एंबुलेंस के दो लड़कों की मदद से अंतिम संस्कार की पूरी तैयारी की गई। सिराज ने इस दौरान अपने हिंदू दोस्त को मुखाग्नि दी। इतना ही नहीं अंतिम संस्कार की क्रिया पूरी करने के लिए सिराज चौधरी हेम सिंह के घर पर ही रुक गए।