Agra. त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर आगरा पुलिस प्रशासन ने व्यवस्थाएं की थी वह फतेहाबाद क्षेत्र के रिहावली गांव में धरी की धरी रह गई। फर्जी वोटिंग को लेकर दो पक्षों के समर्थक आमने सामने आ गए थे। उसके बाद लोगों ने इस पोलिंग बूथ पर तांडव सा मचा दिया। भारी संख्या में आए दबंग लोग मतदान स्थल से ही बूथ से मतपेटिका को लूट कर ले गए। घटना की जानकारी होते ही जिलाधिकारी पीएन सिंह और एसएसपी मुनिराज भी मौके पर पहुंच गए। दोनों ही अधिकारियों ने सुरक्षाकर्मियों से वार्ता की और मतदान पेटी को वापस लाने के लिए पूरे गांव में कांबिंग करने के निर्देश दिए।
घटना फतेहाबाद क्षेत्र के रिहावली गांव की है। बताया जाता है कि एक प्रधान पद के एक प्रत्याशी के समर्थक फर्जी वोट डालने के लिए मतदान केंद्र पर पहुंचे तो दूसरे पक्ष के पोलिंग एजेंट ने इसका विरोध किया। इस पर प्रधान प्रत्याशी के समर्थकों ने पोलिंग एजेंट और उसको बचाने आए चार लोगों को पीट दिया। पिटाई से चारों लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

इस घटना के बाद गांव से भारी संख्या में लोग मतदान स्थल पहुंच गए। बताया जाता है कि जिस प्राथमिक विद्यालय को मतदान का बूथ बनाया गया था, आक्रोशित लोग उस बूथ के जंगले तोड़ कर मतपेटियों को लूट कर ले गए। ग्रामीणों द्वारा इतनी बड़ी घटना को अंजाम दिए जाने से जिलाधिकारी पीएन सिंह व एसएसपी मुनिराज काफी नाराज है। मौके पर भारी संख्या में पुलिस बल बुलाया गया है, साथ ही जिलाधिकारी ने मतदाताओं को ढूंढने के लिए पूरे गांव में कॉम्बिंग कराना शुरू कर दिया है।
जिला अधिकारी पीएन सिंह ने बताया कि इस गांव में मतदान के दो बूथ केंद्र बनाए गए थे। दो प्रधान प्रत्याशी किसी बात को लेकर आमने-सामने आ गए थे और उन में जमकर मारपीट हुई थी। एक मतदान केंद्र पर मतदान शांति से चल रहा है लेकिन दूसरे मतदान केंद्र पर भारी संख्या में पहुंचे लोगों ने मत पेटिकाओं को लूट लिया है। मत पेटिकाओं को ढूंढने के लिए पूरे गांव में कॉम्बिंग कराई जा रही है, साथ ही इस घटना के सीसीटीवी फुटेज भी उनके पास है जो लोगों इस घटना में शामिल है उनको बख्शा नहीं जाएगा। चुनाव आयोग को भी इस पोलिंग बूथ पर दोबारा से रिपोलिंग कराए जाने के लिए अपील की जाएगी।
फिलहाल इस घटना को लेकर जिला अधिकारी पीएन सिंह और एसएसपी मुनिराज इस पोलिंग बूथ पर तैनात सुरक्षाकर्मियों से काफी नाराज हैं। इस तरह की घटना पुलिस प्रशासन की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल जरूर खड़ा कर देती है।