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आगरा मेट्रो : तेज गति के साथ हो रहा है ट्रैक बिछाने का काम, ट्रायल के लिए तैयार हो रहा है टेस्ट ट्रैक

by admin

आगरा। उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन द्वारा आगरा मेट्रो डिपो में 700 मी. लंबे टेस्ट ट्रैक का निर्माण किया जा रहा है। डिपो परिसर में मेट्रो ट्रेन के आने के बाद सबसे पहले इसी ट्रैक पर ट्रेन व सिग्लिंग आदि की टेस्टिंग की जाएगी। इसके साथ ही डिपो परिसर के अन्य हिस्सों में तेज गति के साथ ट्रैक बिछाने का काम किया जा रहा है।

भारत सरकार के ‘मेक इन इंडिया’ मिशन के तहत गुजरात के सावली में आगरा मेट्रो ट्रेनों का निर्माण किया जा रहा है। सिविल निर्माण, ट्रैक्शन व सिग्लिंग आदि का काम पूरा होने के बाद मेट्रो ट्रेन को आगरा मेट्रो डिपो में लाया जाएगा। इसके बाद सबसे पहले इसी 700 मी. लंबे टेस्ट ट्रैक पर आगरा मेट्रो का ट्रायल किया जाएगा।

प्रबंध निदेशक कुमार केशव ने बताया कि यूपीएमआरसी द्वारा आगरा मेट्रो डिपो परिसर में बैलास्टिड ट्रैक बिछाया जा रहा है। बैलास्टिड ट्रैक के लिए समतल भूमि पर गिट्टी एवं कॉन्क्रीट के स्लीपरों पर पटरी बिछाई जाती हैं। वहीं, आगरा मेट्रो के दोनों कॉरिडोर के मेन रूट पर बैलास्टलैस ट्रैक प्रयोग किया जाएगा।

बता दें कि टेस्ट ट्रैक पर ट्रायल के दौरान ही ट्रेन की ब्रेकिंग व ट्रेन में लगे अन्य उपकरणों की जांच की जाती है। टेस्ट ट्रैक पर ट्रेन के सिग्नल के साथ रुकने व चलने की जांच के साथ के साथ ही अन्य प्रणालियों की जांच की जाती है। इसके साथ ही यात्री सेवा शुरू होने के बाद जब भी किसी ट्रेन का वर्कशॉप में मेंटेनेंस किया जाता है, तो उस ट्रेन को भी इसी टेस्ट ट्रैक पर जांच के बाद ही व्यवसायिक संचालन के लिए भेजा जाता है।

यूपीएमआरसी द्वारा आगरा मेट्रो डिपो परिसर में बैलास्टिड ट्रैक बिछाया जा रहा है। बैलास्टिड ट्रैक के लिए समतल भूमि पर गिट्टी एवं कॉन्क्रीट के स्लीपरों पर पटरी बिछाई जाती हैं। वहीं, आगरा मेट्रो के दोनों कॉरिडोर के मेन रूट पर बैलास्टलैस ट्रैक प्रयोग किया जाएगा। बैलास्टलैस ट्रैक के लिए कॉन्क्रीट बीम पर पटरियों को बिछाया जाता है। इसके साथ ही पारंपरिक तौर पर प्रयोग होने वाले ट्रैक की तुलना बैलास्टलैस ट्रैक अधिक मजबूत होता है एवं इसका मेन्टिनेंस भी काफी कम है।

गौरतलब है कि ताजनगरी में 29.4 किमी लंबे दो कॉरिडोर का मेट्रो नेटवर्क बनना है, जिसमें 27 स्टेशन होंगे। ताज ईस्ट गेट से सिकंदरा के बीच 14 किमी लंबे पहले कॉरिडोर का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। इस कॉरिडोर में 13 स्टेशनों का निर्माण होगा। जिसमें 6 एलीवेटिड जबकि 7 भूमिगत स्टेशन होंगे। इस कॉरिडोर के लिए पीएसी परिसर में डिपो का निर्माण किया जा रहा है। इसके साथ ही आगरा कैंट से कालिंदी विहार के बीच लगभग 16 कि.मी. लंबे दूसरे कॉरिडोर का निर्माण किया जाएगा, जिसमें 14 ऐलीवेटेड स्टेशन होंगे। इस कॉरिडोर के लिए कालिंदी विहार क्षेत्र में डिपो का निर्माण किया जाएगा।

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