आगरा। पीएसी स्थित आगरा मेट्रो के विश्वस्तरीय डिपो में ट्रेनों की धुलाई के लिए ऑटो कोच वॉश प्लांट का निर्माण किया जा रहा है। शहर में मेट्रो सेवा शुरू होने के बाद ट्रेनें जब व्यवसायिक परिचालन खत्म करने के बाद डिपो परिसर में वापस आएंगी तो ऑटो कोच वॉश प्लांट के जरिए सफाई व धुलाई के पश्चात ही उन्हें डिपो में प्रवेश दिया जाएगा। इस प्रक्रिया के लिए जीरो डिस्चार्ज पालिसी के तहत रीसाइकल्ड पानी का प्रयोग किया जाएगा।
ऑटोमेटिक कोच वॉश प्लांट की मदद से बेहद कम समय में ट्रेनों की सफाई व धुलाई की जाएगी। इस तकनीक के जरिए बिना रुके ट्रेन के डिपो में आते और डिपो से जाते समय दोनों बार बाहर से पूरी धुलाई की जाएगी। ऑटो कोच वॉश प्लांट के जरिए जैसे-जैसे ट्रेन आगे बढ़ती जाएगी, वैसे-वैसे वाशिंग प्लांट में लगे ब्रश और शावर उसे धोते जाएंगे। इसके लिए पानी डिपो के अंदर से पंप के जरिए जमीन से वॉशिंग प्लांट में पहुंचाया जाएगा। इस पूरी प्रक्रिया के दौरान रीसाइकल्ड पानी का प्रयोग किया जाएगा।
आगरा मेट्रो डिपो में वेस्ट पानी को रीसाइकल करने के लिए एक लाख लीटर की क्षमता वाले संयुक्त ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण किया जा रहा है। इस ट्रीटमेंट प्लांट में ग्रे वॉटर यानी किचन, वॉशरूम और फ़्लोर क्लीनिंग आदि से निकलने वाले पानी को रीसाइकल करने के लिए 70 हजार लीटर की क्षमता वाला सीवेज ट्रीटमेंट प्लान्ट (एसटीपी) व ऑटोमैटिक वॉश प्लान्ट में ट्रेनों की सफ़ाई और मेंटेनेंस शेड में ट्रेनों की मरम्मत आदि से निकलने वाले केमिकल युक्त वेस्ट वॉटर, जिसे तकनीकी भाषा में ‘ब्लैक वॉटर’ कहा जाता है, उसे रीसाइकल करने के लिए 30 हजार लीटर की क्षमता वाले एफ़्ल्यूएन्ट ट्रीटमेंट प्लान्ट (ईटीपी) को संयुक्त रूप से एक ही बिल्डिंग लगाया जाएगा। इससे न सिर्फ जगह की बचत होगी, बल्कि निर्माण की लागत में भी कमी आएगी।
इसके साथ ही डिपो परिसर में विभिन्न क्षमता वाले भूमिगत टैंकों का निर्माण पूरा कर लिया गया है, जिसमें रॉ टैंक, डोमेस्टिक टैंक व फायर टैंक शामिल हैं। 1 लाख, 25 हजार लीटर की क्षमता वाले रॉ टैंक में डिपो परिसर में विभिन्न श्रोतों से प्राप्त होने वाले जल को एकत्र किया जाएगा। वहीं, 1 लाख लीटर की क्षमता वाले डोमेस्टिक टैंक में डोमेस्टिक गतिविधियों के लिए प्रयोग किए जाने वाले जल को स्टोर किया जाएगा। इसके साथ ही डिपो परिसर में आग लगने जैसी किसी अप्रीय घटना का सामना करने के लिए 2 लाख लीटर पानी की क्षमता वाला फायर टैंक बनाया जा रहा है।
मेट्रो डिपो में ड्युअल प्लम्बिंग की व्यवस्था होगी, यानी यहां पर साफ़ पानी और रीसाइकल्ड पानी के लिए अलग-अलग पाइप लाइन बिछाई जाएंगी। इसके साथ ही डिपो परिसर में एक संयुक्त वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाया जाएगा, जिससे विभिन्न गतिविधियों के चलते निकलने वाले वेस्ट पानी को रीसाइकिल किया जा सकेगा। बता दें कि इस रीसाइकिल्ड पानी को ट्रेनों की सफाई के लिए प्रयोग किया जाएगा।