आगरा शुक्रवार को लखनऊ पुलिस प्रवीण कुमार गुप्ता को लेकर उनके निवास आगरा पहुँची। डीवीवीएनएल में वित्त निदेशक के पद पर कार्यरत पीके गुप्ता पर करोड़ों रुपयों के ईपीएफ घोटाले का आरोप है जिन्हें अभी 4 दिन पूर्व ही लखनऊ पुलिस ने उनके निवास से गिरफ्तार किया था। गिरफ्तार होने के बाद पीके गुप्ता को जेल भेजा गया था।
न्यायालय में रिमांड प्रार्थना पत्र स्वीकृत होने के बाद पीके गुप्ता 3 दिन की रिमांड पर है। करोड़ों का घोटाला कहां से किया, किन किन के साथ मिलकर किया और अहम जानकारियां जुटाने के लिए लखनऊ पुलिस पी के गुप्ता से रिमांड पर पूछताछ कर रही है। लखनऊ पुलिस के साथ में ईओडब्ल्यू की टीम भी मौजूद है। जैसे ही लखनऊ पुलिस पी के गुप्ता को लेकर उनके निवास पहुंची तो निवास से पीके गुप्ता के अन्य परिवार के लोग भी फरार हो चुके थे और ताला डाला हुआ था। पीके गुप्ता ने लखनऊ पुलिस का सहयोग नहीं किया। जांच को आगे बढ़ाने के लिए ताला तोड़ने वाले को बुलवाया गया। ताला तोड़ने वाले ने मुख्य दरवाजे का ताला तो तोड़ दिया मगर ताला तोड़ने वाला मकैनिक गोदरेज अलमारी का ताला नहीं तोड़ पाया जिसके चलते जांच टीम को कुछ दिक्कतें आई।
लखनऊ पुलिस और ई ओ डब्ल्यू की टीम बंद कमरे में पीके गुप्ता से घंटों तक पूछताछ करती रही। पूछताछ करने के बाद देर शाम को लखनऊ पुलिस और ईओडब्ल्यू की टीम लखनऊ के लिए फिर रवाना हो गई। पुलिस के अफसरों ने मीडिया को कुछ भी बताने से इंकार कर दिया है।
दरअसल आपको बताते चलें कि डीवीवीएनएल में ईपीएफ में करोड़ों के घोटाले की खबर ने उत्तर प्रदेश की सियासत में भूचाल ला दिया है। यही वजह है कि स्थानीय स्तर के अफसर कुछ भी बोलने को राजी नहीं है। इसकी मॉनिटरिंग स्वयं सूबे के पुलिस महानिदेशक डीजीपी ओपी सिंह कर रहे हैं।