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आगरा : आधी रात में घर से जीजा-साले का हुआ अपहरण, जाल बिछाकर आरोपी पकड़े तो हुआ ये बड़ा खुलासा

by admin

Agra. पहले दो लोगों को घर से उठाकर उनका अपहरण किया। फिर उन्हें छोड़ने के एवज में 4 लाख रुपये की डिमांड कर डाली। अपहरणकर्ताओं के परिजनों ने चोरी छिपे इसकी शिकायत उच्च अधिकारियों से कर दी। मामला गंभीर होने पर जाल बिछाया गया। अपहरणकर्ता आरपीएफ दरोगा के बताए जगह पर पीड़ित का परिजन पैसे लेकर पहुँचा। लेनदेन के दौरान ही पुलिस ने घेराबंदी कर आरोपी अपहरणकर्ताओं को दबोच लिया।

जब अपहरणकर्ताओं की पड़ताल हुई तो पता चला कि उनमें से एक आरपीएफ का दरोगा तो दूसरा सिपाही है। मामला खाकी के महकमे से जुड़ा था। मामला दबाने का प्रयास हुआ लेकिन मीडिया के संज्ञान में आने के बाद आरोपी आरपीएफ दरोगा और सिपाही को जेल भेज दिया गया। डीसीपी वेस्ट सत्यजीत गुप्ता ने प्रेसवार्ता कर इसकी जानकारी दी।

यह पूरी घटना थाना मलपुरा क्षेत्र के गांव अभयपुरा की है। रात करीब 12:30 बजे पुलिस वर्दी पहने हुए चार लोग काजिम नाम के व्यक्ति के घर पहुँचे। तोड़फोड़ कर घर में मौजूद जीजा साले को उठा लाये। इसके बाद सुबह तक इधर उधर रखा और फिर फिरौती की रकम की डिमांड कर डाली।

आरोपी खाकी से जुड़े थे। इसलिए इस कांड के अंजाम को भी जानते थे। बचने के लिए आरोपियों ने पहले पीड़ित के परिवार को धमकाया कि वह पुलिस के पास न जाये। फिर फिरौती के लिए पीड़ित के मोबाइल से ही व्हाट्स अप कॉल कराते रहे जिससे लोकेशन सामने न आ सके। व्हाट्स अप कॉल से ही फिरौती की रकम मांगी गई।

पीड़ित ने थाने में दी जानकारी

मलपुरा थाने से रात में जीजा साले का अपहरण और अपहरणकर्ता के पुलिस वर्दी में होने की शिकायत दर्ज कराई गयी तो पुलिस प्रशासन में भी हड़कंप मच गया। जानकरी उच्च अधिकारियों के कानों तक पहुँच गयी। फिर जीजा साले को वापस लाने के लिए रणनीति तैयार हुई। डीसीपी वेस्ट सत्यजीत गुप्ता ने अपहरणकर्ता के भाई से मिली जानकारी पर उक्त स्थान पर जाल बिछाया और कई टीमों को लगा दिया।

अपहरणकर्ता बदलते रहे स्थान

जानकारी के मुताबिक पुलिस के निर्देश पर पीड़ित अपने भाई को छुड़ाने के लिए फिरौती की रकम लेकर पहुँचा। खाकी में मौजूद अपहरणकर्ताओं ने पकड़े जाने के डर से कई लोकेशन बदल दी। पहले शहीद नगर बुलाया फिर होटल अमर लेकिन दोनों जगह ही अपहरणकर्ता नहीं आये। इसके बाद तीसरी लोकेशन बताई तो उस जगह सिविल ड्रेस में पुलिसकर्मी तैनात कर दिए गए। फिरौती की रकम पुलिस द्वारा दी गई और शेष रकम बाद में देने की बात कह कर अपहरणकर्ता के भाई को भेजा गया। जैसे ही उन्होंने फिरौती की रकम ली वैसे ही सिविल ड्रेस में तैनात पुलिसकर्मियों ने उन्हें दबोच लिया। उनके पास से पुलिस द्वारा दी गई फिरौती की रकम भी बरामद हुई।

पीड़ित जीजा-साला

आरोपी कैंट पर हैं तैनात

पुलिस के आला अधिकारियों द्वारा जैसे ही उनसे पूछताछ शुरू की गई तो पता चला कि अपहरणकर्ता रेलवे सुरक्षा बल से हैं और आगरा कैंट आरपीएफ थाने में उनकी तैनाती है। यह सुनते ही पुलिस के पैरों तले जमीन खिसक गई। पुलिस पकड़े गए तीनों लोगों को पुलिस लाइन ले आई। काफी देर तक अधिकारियों के बीच चर्चा होती रही लेकिन मामला इतना सुर्खियों में चला गया कि पुलिस को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस पूरे मामले का खुलासा करना पड़ा। प्रेस कांफ्रेंस के दौरान डीसीपी वेस्ट सत्यजीत गुप्ता ने बताया कि अपहरण के मामले में 3 लोगों को हिरासत में लिया गया है। जिसमें से दो रेलवे सुरक्षा बल से हैं। इनकी तैनाती आगरा कैंट स्टेशन पर है।

जानकारी में सामने आया कि आरोपी आरपीएफ दरोगा और सिपाहियों ने जिन लोगों का घर से अपहरण किया था, उन्हें राजा मंडी आरपीएफ चौकी में रखा। उसके बाद उनकी लोकेशन बदलती रही। जब सिविल पुलिस ने सर्विलांस व अन्य टीमों के माध्यम से छानबीन शुरू की तो अपहरणकर्ताओं की लोकेशन राजा मंडी पर ही निकली। जिसके बाद आरोपियों को पकड़ने की योजना तैयार हुई। इस पूरे अपहरण कांड में दो अन्य व्यक्ति भी शामिल है। जिनकी तलाश जारी है।

पुलिस ने पकड़े गए आरोपियों से फिरौती की रकम के रूप में ₹12000 नगद, मोबाइल और जिस कार से जीजा साले का अपहरण किया गया था, वह कार भी बरामद कर ली है। प्रेस वार्ता के बाद आरोपियों को जेल भेज दिया गया और जो फरार हैं उनकी धरपकड़ के लिए टीमों को लगा दिया गया है।

पीड़ित ने सुनाई अपनी आप बीती

सकुशल अपहरणकर्ताओं के चंगुल से छूटने के बाद पीड़ितों ने अपनी आपबीती भी सुनाई। पीड़ित ने बताया कि वह कपड़ों की फेरी लगाता है और छत्तीसगढ़ ही रहता है। कल रात को ही छत्तीसगढ़ से वापस आया था। रात को खाना पीना खाकर सोया ही था कि इन खाकी वर्दी धारियों ने उनके घर पर धावा बोल दिया। घर की तलाशी ली गई। सामान तोड़ा गया।

कुछ न मिलने पर मुझे और मेरे रिश्ते की जीजा को उठाकर ले आए। सबसे पहले वह आगरा फोर्ट ले गए। वहां एक टूटी फूटी खंडहर में रखा और फिर वहां से सुबह दूसरी जगह ले गए। वह रात को ही उनसे पैसों की डिमांड कर गए थे। उन्हें बुरी तरह से पीटा गया और पीटने के बाद फिर मोबाइल से परिजनों को व्हाट्सएप कॉल करवाई। व्हाट्सएप कॉल करवाते ही घर से पैसे मंगवाने के लिए जोर डालते रहे।

इतना ही नहीं परिजनों से उन्होंने कहा कि जिंदा देखना चाहते हैं तो फिरौती की रकम दे दें। उन्होंने मारना पीटना शुरू किया तो चीखपुकार मोबाइल से परिजनों तक पहुंचने लगी जिसके बाद परिजनों ने पैसे देने की हामी भर ली। अपहरणकर्ताओं के चंगुल से छूट गए हैं तो राहत की सांस ली है।

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