Agra. अपने शहीद पति के सम्मान और सरकार द्वारा उनकी शहादत पर जो वायदे व घोषणाओं को याद दिलाने के लिये शहीद की पत्नी ममता ने सरकार के खिलाफ जो धरना शुरू किया था वह रंग ले आया है। शहीद की पत्नी द्वारा धरना दिए जाने से सरकार और स्थानीय प्रशासन की किरकिरी होने के बाद अपर जिलाधिकारी नगर तीसरे दिन ने शहीद के परिजनों से धरना स्थल पर पहुँचे जहाँ उन्होंने शिक्षा विभाग द्वारा शहीद की मदद के लिए एकत्रित किये गए धनराशि लगभग 65 लाख 57 हजार का चैक सौंपा और उनकी सभी मांगे पूरी होने का आश्वासन देकर धरना समाप्त कराया।
बताते चलें कि 14 फरवरी 2019 को पुलवामा में सीआरपीएफ जवानों पर हुए आतंकी हमले ने देश को झकझोर कर रख दिया था। इस हमले में सीआरपीएफ के 40 से ज्यादा योद्धा शहीद हुए थे। शहीदों के नाम में कहरई निवासी कौशल कुमार रावत भी नाम शामिल था। सरकार ने शहीद के परिवार से शहीद स्मारक बनाने के लिए जमीन देने, गांव से लगती सड़क का नाम भी शहीद के नाम पर रखने का वादा किया था और राज्य सरकार की ओर से 25 लाख रुपये की जो आर्थिक मदद दी गयी थी वो भी पूरी नहीं हुई जिसके विरोध में शहीद की पत्नी ममता रावत परिवार सहित शहीद कौशल रावत की प्रतिमा पर धरने पर उनकी फोटो लेकर बैठ गयी थी।
डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा भी इस दौरान आगरा में रहे। भाजपा कार्यकर्ताओं से मिलने उनके निज निवास पर पहुँचे लेकिन शहीद की पत्नी द्वारा धरना दिए जाने पर उनसे मिलने नहीं पहुंचे जिससे पीड़ित परिवार में काफी आक्रोश देखने को मिला और विपक्षी दलों के साथ-साथ समाज से भी लोगों के निशाने पर भी दिनेश शर्मा रहे। इससे भाजपा की तो किरकिरी हुई वहीं स्थानीय प्रशासन को भी लोगों ने आड़े हाथ लिया।
फ़िलहाल कुछ भी हो लेकिन शहीद के परिवार की मांग और आवाज स्थानीय प्रशासन के साथ-साथ सरकार के कानों तक पहुंची जिसके बाद एडीएम सिटी धरने के तीसरे दिन पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे और उन्हें लगभग ₹65 लाख का चेक आर्थिक मदद के रूप में दिया, साथ ही उनकी सभी मांगें जल्द पूरी होने का भी आश्वासन दिया। इस आश्वासन के बाद शहीद के परिजनों ने अपना धरना समाप्त कर दिया और स्थानीय प्रशासन के साथ-साथ उनकी आवाज उठाने वाले लोगों को धन्यवाद ज्ञापित किया।