आगरा। आगरा में एक बार फिर से हाईकोर्ट बेंच आंदोलन ने गति पकड़ ली है। हाईकोर्ट बेंच की स्थापना को लेकर जिले भर के अधिवक्ता मुखर नजर आ रहे हैं और आंदोलन को प्रभावी बनाने के लिए लगातार रणनीति बनाने में जुटे हैं। आज गुरुवार को उच्च न्यायालय खंडपीठ स्थापना संघर्ष समिति के बैनर तले किरावली तहसील में बैठक कर अग्रिम रणनीति तैयार की गई।
किरावली बार एसोसिएशन के अध्यक्ष भोगीराम वर्मा और सचिव मोरध्वज सिंह इंदौलिया ने संयुक्त रूप से कहा कि हाईकोर्ट बेंच की स्थापना के लिए जंग अब निर्णायक होगी। क्योंकि अब आगरा राजनीतिक रुप से कमजोर नहीं है। आगरा के सभी जनप्रतिनिधियों को 72 घंटों के अंदर खंडपीठ को लेकर अपना रुख स्पष्ट करना होगा। यदि यह आंदोलन लंबे समय तक चलता है और इस कारण न्यायिक कार्य प्रभावित होता है तो इसकी जिम्मेदारी केंद्र सरकार की होगी। किरावली तहसील प्रदर्शन के दौरान सैकड़ों अधिवक्ताओं ने हाई कोर्ट खंडपीठ की स्थापना की मांग करते हुए यह निर्णय लिया कि कल 19 नवंबर शुक्रवार को दोपहर 12 बजे केंद्रीय विधि राज्य मंत्री प्रो. एसपी सिंह बघेल के आवास का घेराव किया जाएगा।
आगरा बार के सचिव राम प्रकाश शर्मा यूनाइटेड बार के अध्यक्ष नरेश शर्मा ने संयुक्त रूप से अपने विचार करते हुए कहा कि प्रदेश व केंद्र में एक ही राजनीतिक दल की सरकार है। ऐसे में सरकार की जिम्मेदारी है कि जसवंत सिंह आयोग की रिपोर्ट को तत्काल प्रभाव से लागू कर आगरा में हाईकोर्ट बेंच की स्थापना की घोषणा की जाए।
कार्यवाहक संयोजक चौधरी अजय सिंह, हेमंत भारद्वाज, वीरेंद्र फौजदार, अनूप शर्मा, हरिओम शर्मा ने संयुक्त बयान में कहा कि खंडपीठ की मांग आगरा के जनमानस का अधिकार है। सरकार की जिम्मेदारी है कि गरीब जनता को सस्ता, सुलभ और त्वरित न्याय दिलाने के लिए हाईकोर्ट बेंच की स्थापना आगरा में की जाए।
किरावली प्रदर्शन में मुख्य रूप से राजीव कुलश्रेष्ठ, सत्य प्रकाश सिंह, योगेश कुलश्रेष्ठ, गिर्राज रावत, हरजीत कोहली, कोमल सिंह, ब्रजकिशोर, जितेंद्र कुमार यादव, गिरवर प्रताप, गिरीश कुमार आदि अधिवक्ता मुख्य रूप से मौजूद रहे।