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बहुचर्चित जोन्स मिल प्रकरण से जुड़े अधिवक्ता हत्याकांड का हुआ ख़ुलासा, 10 लाख की सुपारी दी थी

by admin

आगरा। सेंट जॉन्स मिल प्रकरण के मामले में पैरवी कर रहे अधिवक्ता कपिल पवार के हत्याकांड का आगरा पुलिस ने खुलासा कर दिया। इस हत्याकांड की वजह प्रॉपर्टी विवाद बताई जा रही है। जीतू यादव नाम के व्यक्ति ने अधिवक्ता की हत्या करने के लिए ₹10 लाख की सुपारी ली थी जो कि अभी फरार है। वहीं पुलिस ने मृतक अधिवक्ता की सास सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया है।

बताते चलें कि अधिवक्ता कपिल पवार जीवनी मंडी स्थित जोंस मिल परिसर में ही एक आवास में रहते थे। जब 26 अक्टूबर की शाम अधिवक्ता अपनी कार सहित लापता हो गए तो 27 अक्टूबर को अधिवक्ता की मां ने छत्ता थाने में गुमशुदा होने की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। अधिवक्ता की तलाश के लिए सात टीमों का गठन किया गया था। इस दौरान जीवनी मंडी के सीसीटीवी कैमरे खंगाले गए। इसके बाद अधिवक्ता की लाश इटावा जनपद के भरथना इलाके में मिलने से क्षेत्र में सनसनी फैल गई। पुलिस ने जांच पड़ताल शुरू कर दी थी। वहीं दूसरी ओर इटावा पुलिस को कोतवाली भरथना के मल्हौसी नहर पुल के नीचे 27 अक्टूबर को एक अज्ञात लाश मिली जिसके बाद इटावा पुलिस अज्ञात लाश की शिनाख्त में जुट गई। तभी गुरुवार को आगरा पुलिस ने व्हाट्सएप पर आए फोटो की पहचान अधिवक्ता कपिल पवार यश के रूप में की।

आगरा एसएसपी बबलू कुमार ने बताया कि प्रॉपर्टी विवाद के मामले में अधिवक्ता कपिल पवार की हत्या करने की सुपारी सास शिमला देवी ने दस लाख रुपए में दी थी। जिसमें एक लाख हत्यारोपियों पर पहुंच गए थे। नौ लाख रुपये की रकम लेना बाकी रह गया था। थाना क्षेत्र के जाटनी बाग में हत्या की घटना को अंजाम दिया गया था। इसके बाद शव को इटावा में फेंक दिया गया था। हत्या करने वाले अभियुक्त फर्रुखाबाद का रहने वाला राहुल, एटा का रहने वाला अनवर, छत्ता की रहने वाली शिमला है जबकि एत्माद्दौला टेढ़ी बगिया का रहने वाला जीतू है। घटना के खुलासे के दौरान इनसे एक जायलो कार, दो तमंचे और चार जिंदा कारतूस बरामद को किया गया है तो वही अनवर पर आगरा में तीन मुकदमे दर्ज हैं और राहुल पर एक मुकदमा दर्ज है। पुलिस फरार जीतू उर्फ हर्ष यादव का भी आपराधिक इतिहास खंगाल रही है। फ़रार हत्यारोपी जीतू की धरपकड़ के लिए अभियान चलाया जा रहा है।

अधिवक्ता केपी यश जोंस मिल की आखिरी वारिश मौरिन जोन की तरफ से केस की पैरवी कर रहे थे। जॉन्स मिल की अरबों की संपत्ति को लेकर मुकदमेबाजी चल रही है। 19 जुलाई को जोंस मिल की बेशकीमती जमीन को हथियाने के लिए वहां एक बम धमाका भी करवाया गया था। बताया जा रहा है कि मालिक की गैरमौजूदगी में भी भूमाफिया कई जमीनों के सौदे कर चुके हैं।

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