आगरा। केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्री किरण रिजिजू ने हाईकोर्ट खंडपीठ की स्थापना को लेकर नई उम्मीद जगाई है। उन्होंने कहा कि विधि मंत्रालय के पास जस्टिस जयवंत सिंह आयोग की रिपोर्ट मौजूद है। केेंद्र सरकार इस पर मंथन कर रही है। अगर सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो आगरा में खंडपीठ स्थापना को क्लीन चिट मिल जाएगी। इतना नहीं केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्री ने हाईकोर्ट स्थापना संघर्ष समिति को वार्ता के लिए दिल्ली आमंत्रित किया है। उन्होंने कहा कि सांसद प्रो.एसपी सिंह बघेल से भी चर्चा हुई है।
आगरा कॉलेज मैदान पर सांसद खेल स्पर्धा में भाग लेने आए केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्री किरण रिजिजू से हाईकोर्ट संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने मुलाकात की। उन्होंने केंद्रीय विधि मंत्री को ज्ञापन के साथ जस्टिस जसवंत सिंह आयोग की रिपोर्ट भी सौंपी। इसके साथ आगरा में हाईकोर्ट खंडपीठ के आवश्यकता और महत्व को समझाया। किरण रिजिजू ने हाईकोर्ट खंडपीठ के पदाधिकारियों को भरोसा दिया कि जस्टिस जसवंत सिंह आयोग की रिपोर्ट पर विधि मंत्रालय मंथन कर रहा है। केंद्र सरकार से भी वार्ता की जाएगी, अगर कोई अड़चन नहीं आई तो आगरा में हाईकोर्ट खंडपीठ की बैंच स्थापना पर विचार किया जाएगा। केंद्रीय विधि मंत्री किरण रिजिजू ने हाईकोर्ट संघर्ष समिति के प्रमुख दुर्गविजय सिंह भैय्या, प्रमोद शर्मा, राम प्रकाश शर्मा, अजय चाहर आदि हाईकोर्ट खंडपीठ के पदाधिकारियों को भरोसा दिया।
वहीँ केंद्रीय विधि राज्य मंत्री प्रो. एसपी सिंह बघेल ने कहा कि ‘आगरा मेरा संसदीय क्षेत्र है। प्रदेश की भोगौलिक स्थिति को देखते हुए आगरा में हाईकोर्ट खंडपीठ की स्थापना किया जाना व्यवहारिक रूप से उचित है। रिजिजू मेरे बॉस है। जो ज्ञापन आप ने सौंपा है, उसे वैधानिक रूप देने का प्रयास किया जाएगा।’
हाईकोर्ट खंडपीठ के सचिव हेमंत भारद्वाज ने बताया कि विधि मंत्री से पदाधिकारियों की सकारत्मक वार्ता हुई है और दिल्ली आंमत्रित किया है। आगे की आंदोलन की रणनीति के तहत कल यानी 22 नवंबर को शाम तीन बजे बैठक आगरा बार हॉल में हाईकोर्ट संघर्ष समिति की बैठक बुलाई गई है। वहीं सोमवार को अधिवक्ता न्यायिक कार्य पर लौट आएंगे।
ज्ञापन सौंपने वालों में मुख्य रूप से विजय कुमार शर्मा, देवेंद्र बाजपेयी, प्रमोद शर्मा, रामप्रकाश शर्मा, अविनाश शर्मा, हेमन्त भारद्वाज, राजीव कुलश्रेष्ठ, विमल भारद्वाज, सत्यप्रकाश सिंह, विजयपाल सिंह चौहान, उमेश यादव, अरूण पचौरी, अजय सिंह, विजय वर्मा, अनूप कुमार, हरजीत सिंह समेत दर्जनों अधिवक्तागण मौजूद रहे।