Home » अवैध निर्माणों पर एडीए की आंखें बंद, अधिकारियों के मिलीभगत की संभावना

अवैध निर्माणों पर एडीए की आंखें बंद, अधिकारियों के मिलीभगत की संभावना

by admin
ADA fined Rs 25 lakh for damaging the environment

आगरा। आगरा विकास प्राधिकरण विभाग के अधिकारियों ने अवैध निर्माणों की ओर आंखें बंद कर ली है। अधीनस्थ अधिकारियों की लापरवाही और सुस्ती के चलते इन दिनों अवैध निर्माण जोरों पर है। हम बात कर रहे हैं आगरा विकास प्राधिकरण के रकाबगंज और लोहामंडी वार्ड की। रकाबगंज वार्ड और लोहामंडी वार्ड के अंतर्गत आने वाले ईदगाह, खेरिया मोड़, नरीपुर, चक्कीपाट और छीपीटोला इलाके में रातों रात बिना नक्शा स्वीकृत कराए निर्माण कार्य किया जा रहा है। इस संबंध में शहर के कई आरटीआई एक्टिविस्ट ने आगरा विकास प्राधिकरण के खिलाफ सीएम पोर्टल और आईजीआरएस पर शिकायत भी दर्ज कराई है। बावजूद इसके अभी तक अवैध निर्माणों पर कोई कार्यवाही नहीं की गई है।

इन अवैध निर्माणों को देखकर लगता है कि आगरा विकास प्राधिकरण के अधिकारियों ने शायद आंखें मूंद ली हैं या फिर अधीनस्थ अधिकारियों की मिलीभगत के चलते अवैध निर्माण कार्य जोरों पर है। इतना ही नहीं इस संबंध में जब लोहामंडी वार्ड के अवैध निर्माण देख रहे आगरा विकास प्राधिकरण की जेई विजेंद्र सिंह से बात की गई तो विजेंद्र सिंह का तर्क है कि वर्कलोड होने के चलते वह अवैध निर्माण नहीं देख पा रहे हैं। मगर शहर के समाजसेवी और आरटीआई एक्टिविस्ट ने इस मामले पर विभागीय अधिकारियों की साजिश की संभावना जताई है।

सबसे बड़ी समस्या यह है कि उत्तर प्रदेश के सीएम पोर्टल और आईजीआरएस पर जो शहरवासी अपनी शिकायत दर्ज कराते हैं। विभागीय अधिकारियों की लापरवाही और सुस्ती और मौके का निरीक्षण न करने पर आईजीआरएस में रिपोर्ट लगाकर फर्जी तरीके से निस्तारण कर दिया जाता है। जो बेहद गंभीर है।

वीसी के एक्शन का इंतजार

रकाबगंज और लोहामंडी वार्ड तो मात्र एक उदाहरण है। शहरवासी और आरटीआई एक्टिविस्ट बताते हैं कि अवैध निर्माणों का यह खेल पूरे शहर में जोरों पर चल रहा है। अब इस मामले में आगरा विकास प्राधिकरण के वीसी के एक्शन का इंतजार है। पर देखना होगा कि इस मामले में एडीए के वीसी क्या दिशा निर्देश जारी करते हैं।

Related Articles