- 36 वर्ष बाद आगरा व 22 वर्ष बाद यूपी में आयोजित की जा रही एसीकॉन
- 10 से 14 दिसंबर तक होगा एसोसिएशन आफ सर्जन्स आफ इंडिया का वार्षिक सम्मेलन
- नई तकनीकी के साथ करेंगे हैंड आन कोर्स
- प्रशिक्षण के लिए सर्जरी का अधिवेशन स्थल पर किया जाएगा लाइव टेलीकास्ट
आगरा। सर्जरी की नई विधाओं से अपडेट होने व बीमारियों व इलाज की नई तकनीकों पर मंथन के लिए आगरा में दुनिया भर के सर्जन्स जुटेंगे। 10 से 14 दिसम्बर तक एसोसिएशन ऑफ सर्जन्स ऑफ इंडिया (एसीकॉन) के वार्षिक सम्मेलन के पांच दिवसीय इस महाकुम्भ में देश दुनिया के 8 हजार से अधिक सर्जन्स व लगभग 12 हजार प्रतिनिधि भाग लेंगे। आगरा में एसीकॉन के आयोजन का अवसर 36 वर्ष बाद व उत्तर प्रदेश को 22 वर्ष बाद मिला है। यह जानकारी एसीकॉन के आयोजन समिति के पदाधिकारियों ने होटल भावना क्लार्क में आयोजित आमंत्रण पत्र विमोचन कार्यक्रम में दी।
डॉ. एच डी मौर्या ने बताया कि 12 दिसम्बर को होटल जेपी पैलेस में कार्यशाला का उद्घाटन उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक करेंगे।
कानपुर से आए आयोजन समिति के अध्यक्ष डॉ. एस के मिश्रा ने जानकारी देते हुए बताया कि एएसआइ, यूपीएएसआई और एसोसिएशन आफ सर्जन्स आफ आगरा द्वारा एसीकान कार्यशाला के आयोजन में 250 से अधिक विदेशी प्रतिनिधि भाग लेने पहुंच रहे हैं, जिसमें मुख्यतः सार्क देश, जापान, इंग्लैंड, अमेरिका शामिल हैं। कार्यशाला में 10 दिसम्बर को पहले दिन हैंड आन कोर्स आयोजित किया जाएगा। इसमें सर्जन्स को एंडोस्कोपी, अल्ट्रासाउंड, लेजर का प्रशिक्षण दिया जाएगा। साथ ही एनीमल माडल पर सर्जरी की जाएगी।
सचिव डॉ. अमित श्रीवास्तव, डॉ. समीर कुमार ने कहा कि दूसरे दिन 11 दिसंबर को दिल्ली, मुंबई सहित सेंटर फार एक्सीलेंस से 20 से अधिक सर्जरी की जाएंगी। मुम्बई, दिल्ली, कोयम्बटूर जैसे शहरों में होने वाली सर्जरी का सम्मेलन स्थल पर लाइव प्रसारण किया जाएगा। प्रशिक्षकों को सर्जरी की तकनीकी और जटिलता से जुड़े प्रश्नों के जवाब दिए जाएंगे।
कोषाध्यक्ष डॉ. सुनील शर्मा ने बताया कि हैंड ऑन सर्जरी कार्यशाला पहली बार आयोजित की जा रही हैं। 12 से 14 दिसंबर तक एसीकान में देश विदेश के प्रतिष्ठित सर्जन बीमारियों, सर्जरी और नई तकनीकी पर आधारित व्याख्यान देंगे। जिसमें देश दुनिया के सर्जन नई तकनीकी और पारंपरिक सर्जरी को और बेहतर करने पर चर्चा करेंगे। कार्यशाला का उद्घाटन 12 दिसम्बर को किया जाएगा।
इस अवसर पर मुख्य रूप से डॉ. ज्ञानप्रकाश, डॉ. अपूर्व चतुर्वेदी, डॉ. रविन्द्र मोहन पचैरी, डॉ. सुरेन्द्र पाठक, डॉ. रातेश गुप्ता, डॉ. जगत पाल, अनव उपाध्याय, एचएल राजपूत, अंकुर बंसल, डॉ. उत्कर्ष, डॉ. करन रावत आदि उपस्थित थे।