आगरा। फर्जी मुकदमे दर्ज कर 5 निर्दोषों को जेल भेजने के मामले में फरार तत्कालीन एसओ जगदीशपुरा जितेंद्र कुमार को बुधवार को गिरफ्तार कर लिया गया। 50 करोड़ की जमीन पर कब्जे की साजिश में गोपनीय तरीके से 6 घंटे तक पूछताछ की गई। शाम को आरोपी एसओ को आपराधिक षड्यंत्र की धारा में चालान कर गुपचुप जेल भेज दिया गया। गिरफ्तारी से लेकर जेल भेजने की खबर किसी को नहीं बताई गई।
जिस मामले की गूंज लखनऊ तक हुई, उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय और फतेहपुर सीकरी के सांसद राजकुमार चाहर के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर बर चला। उसमें आरोपी एसओ ने पूरा ठीकरा बिल्डर कमल चौधरी के गुर्गे पुरुषोत्तम पहलवान पर फोड़ दिया। खुद को निर्दोष बताया और कहा कि उसे जमीन पर अवैध कब्जे की जानकारी नहीं थी।
डीसीपी सिटी सूरज राय ने बताया कि जितेंद्र कुमार की तलाश की जा रही थी। बुधवार को पूर्वाह्न 11 बजे उनको आवास विकास कॉलोनी से गिरफ्तार कर लिया। उन्हें थाने लाकर पूछताछ की गई। सवाल किए कि जमीन पर किसने कब्जा कराया। शराब और गांजा कहां से और कैसे बरामद ई, किया, किसने पुलिस को सूचना दी थी, इस बारे में पूछताछ के बाद जेल भेजा गया। जितेंद्र कुमार ने यही बताया कि उन्हें जमीन पर अवैध गतिविधि की सूचना मिल रही थी। अवैध कब्जे की जानकारी नहीं थी। दबिश दी तो गांजा बरामद हुआ था।
गिरफ्तार एसओ ने की थी यह कार्रवाई
बोदला मार्ग पर बैनारा फैक्टरी के पास 10 हजार वर्गगज जमीन पर कब्जे की साजिश की गई थी। 27 अगस्त 2023 को जमीन के चौकीदार रवि कुशवाह, उनके भाई शंकरलाल उर्फ शंकरिया और ओमप्रकाश को जेल भेजा गया। उनके पास से 9 किलोग्राम गांजा बरामद किया। 10 अक्तूबर को रवि की पत्नी पूनम और बहन पुष्पा को शराब में जेल भेजा गया। उनसे अवैध शराब बरामद की गई थी।
निलंबन के हुआ था फ़रार
जनवरी के पहले सप्ताह में तत्कालीन पुलिस आयुक्त डॉ. प्रीतिंदर सिंह ने तत्कालीन एसओ जगदीशपुरा जितेंद्र कुमार सहित 4 पुलिसकर्मियों को निलंबित किया था। इसके साथ ही एसओ सहित बिल्डर कमल चौधरी, उनके बेटे धीरू चौधरी सहित 18 के खिलाफ डकैती सहित अन्य धारा में मुकदमा दर्ज किया था। नामजदगी के बाद से ही एसओ और बिल्डर फरार थे। पुलिस ने एक आरोपी अमित अग्रवाल को जेल भेजा था। वह पुरुषोत्तम पहलवान का गुर्गा है। पुरुषोत्तम बिल्डर के लिए काम करता है। अन्य की गिरफ्तारी के लिए दबिश दी जा रही थी।