Agra. आगरा में एक ऐसी भी रामलीला है जिसमें मंचन करने वाले कलकार ही रावण मेघनाथ के पुतलों का निर्माण करते हैं। ये लोग शाम को रामलीला के मंचन में अभिनय निभाते हैं और सुबह पुतला बनाने में जुट जाते हैं। यह दृश्य आगरा कैंट रेलवे संस्थान में होने वाली रामलीला में देखने को मिलता है। यह आपको कहीं भी ना सुनाई देगा और नहीं दिखाई देगा कि अभिनय करने वाले कलाकार ही रावण के पुतले का निर्माण करते हो।
आगरा कैंट संस्थान में होने वाली रामलीला के संयोजक राकेश कनौजिया ने बताया कि लगभग 50 वर्षों से यहां पर रामलीला का मंचन किया जा रहा है। रामलीला मंचन रेलवे कर्मियों के बच्चों और स्थानीय सहयोगियों के बच्चों के द्वारा किया जाता है। इसमें कोई रंगमंच का कलाकार नहीं होता है। यह लोग शाम को रामलीला का मंचन करते हैं और सुबह उठते ही विजयदशमी पर होने वाले रावण और मेघनाथ के पुतले के दहन को लेकर उनके पुतले बनाने में जुट जाते हैं।
रामलीला में मंचन करने वाले डीपी राठौर ने बताया कि वह रामलीला मंचन के दौरान कई कलाकारों का अभिनय करते हैं। अब रावण के पुतले को बनाने में जुट गए हैं। रामलीला मंचन के दौरान एक आर्थिक बड़ा बजट खर्च होता है। इसलिए कुछ हद तक इस बजट की मार से बचने के लिए जो संभव होता है उसे करने में कलाकार जुट जाते हैं।