आगरा। जनपद में 31 जुलाई तक जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा मनाया जा रहा है l पखवाड़े को सफल बनाने के लिए नाई की सराय स्थित शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर मंगलवार को स्वयंसेवी संस्था पीएसआई इंडिया के सहयोग से परिवार नियोजन के मुद्दे पर आशा कार्यकर्ता का अभिमुखीकरण किया गया। इस सम्बन्ध में हुई बैठक में अट्ठारह आशा कार्यकर्ता और तीन एएनएम ने प्रतिभाग किया।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि नवविवाहित दंपति को खासतौर पर बताया जाए कि पहला बच्चा शादी के दो साल बाद ही प्लान करना है। इस अंतराल के लिए पुरूष कंडोम का इस्तेमाल कर सकते हैं। महिलाएं बॉस्केट ऑफ च्वाइस से अपने पसंद का साधन चुन सकती हैं। एक बच्चा होने के बाद दूसरा बच्चा शादी के तीन साल बाद ही प्लान करना है। ऐसा करने से मां के एनीमिक होने की आशंका कम हो जाती है और बच्चा भी सुपोषित होता है।
परिवार नियोजन कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ. पीके शर्मा ने बताया कि छोटा परिवार खुशहाली का आधार है। सीमित परिवार के साथ सभी सपने पूरे किये जा सकते हैं। परिवार नियोजन का साधन चाहे महिला से जुड़ा हो या पुरूष से, दोनों में पुरूष का साथ जरूरी है। इस संदेश को जन जन तक पहुंचा कर विश्व जनसंख्या स्थिरता पखवाड़े को सफल बनाना है।
स्वयंसेवी संस्था पीएसआई इंडिया की फील्ड प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर सोनल ने बैठक के दौरान उपस्थित प्रतिभागियों को बताया कि शादी के दो वर्ष बाद पहले बच्चे की योजना बनाएं और दो बच्चों के बीच अंतर के लिए त्रैमासिक अंतरा इंजेक्शन, साप्ताहिक गोली छाया समेत किसी भी मनपसंद साधन का चुनाव किया जा सकता है। दो बच्चों के बाद लम्बे अवधि की पीपीआईयूसीडी व आईयूसीडी या पुरूष नसबंदी और महिला नसबंदी का विकल्प भी मौजूद है। दंपति को सभी साधनों के बारे में विस्तार से बताना है।
आशा कार्यकर्ता राजकुमारी ने बताया कि अभिमुखीकरण बैठक में हमने परिवार नियोजन के टूल किट के माध्यम से लक्षित दंपति को मनपसंद साधन के चुनाव के दौरान सहयोग करने के बारे में दक्षता प्राप्त की।
इस मौके पर नाई की सराय यूपीएचसी के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ. सूरज चौहान, फील्ड प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर सोनल सहित समस्त स्टाफ मौजूद रहे।