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बैठे बैठे एक दिन आया ये विचार है क्यों ना बन जाये नेता काम मजेदार है

by admin
Book release after Kavi Sammelan at Kheria Mor

आगरा। खेरिया मोड़ पर हुआ कवि सम्मेलन। जीवन संघर्ष के वो दिन किताब का भी विमोचन।

खेरिया मोड़ दशरथ कुंज में स्पोर्टिंग एंजिल्स कॉन्वेंट स्कूल पर रविवार को नेताजी सुभाष सेना के तत्वावधान में कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस दौरान नेताजी सुभाष चन्द्र बोस के संघर्षों की कहानी पर आधारित कवि रघुराज सिंह सिसोदिया की कृति “जीवन संघर्ष के वो दिन” का विमोचन भी किया गया।

कवि सम्मेलन का प्रारम्भ मां सरस्वती की प्रतिमा पर दीप प्रज्वलित कर किया गया। सर्वप्रथम एटा से आई कवयित्री श्रद्धा भारद्वाज ने सरस्वती वंदना कर सम्मेलन का आगाज किया। समाजिक सन्देश देते हुए “अगर द्रोपदी शस्त्र उठा ले” रचना पढ़कर श्रोताओं को प्रभावित किया।

कवि रजनीकांत लवानियां ने रचना के माध्यम से आगरा का भौगोलिक ,आद्यात्मिक एवं सांस्कृतिक चित्रण किया। कवि दिनेश अगरिया ने राजनीति की गिरते स्तर” बैठे बैठे एक दिन आया ये विचार है क्यों ना बन जाये नेता काम मजेदार है” हास्य रचना सुनाकर श्रोताओं को खूब गुदगुदाया।

आगरा के मशहूर गीतकार प्रकाश गुप्ता बेबाक ने श्रृंगार रस की रचना सुनाकर प्रेम को परिभाषित किया। ओज कवि मोहित सक्सेना ने सैनिकों के शौर्य पर रचना पढ़कर खूब तालियां बटोरी।

कवि रघुराज सिसौदिया ने नेताजी सुभाष चन्द्र बोस से जुड़ी रचनाएं सुनाई। अंत में आयोजक नरेश दहिया ने स्मृति चिन्ह देकर सभी साहित्यकारों का सम्मान किया।

सम्मेलन की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार मानसिक रामायण के रचयिता रजनीकांत लवानियां ने किया। संचालन श्रीराम शतक खण्डकाव्य के रचयिता कवि दिनेश अगरिया ने किया। कार्यक्रम के प्रारम्भ में नरेश दहिया, राजेश दीक्षित ,राजेन्द्र शर्मा, मुन्नीलाल शर्मा ,पूरनलाल शाक्यवार और सक्षम शर्मा आदि ने सभी कवियों का पुष्प माला पहनाकर स्वागत किया।

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