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बनखंडी महादेव के महंत रघुनाथ भोले बाबा ने त्यागा शरीर, मंदिर परिसर में ही लगेगी समाधि

by admin
Mahant Raghunath Bhole Baba of Bankhandi Mahadev left the body, Samadhi will be installed in the temple premises itself

Agra. अशोपा हॉस्पिटल के पास स्थित बनखंडी महादेव के महंत रघुनाथ भोले बाबा रात्रि लगभग 11 बजे अपना शरीर त्याग दिया। रघुनाथ भोले बाबा की मृत्यु का समाचार जैसे ही लोगों को मिला तो क्षेत्र के लोगों के साथ-साथ उनके अनुयायियों और दीक्षा लेने वाले लोगों का तांता लग गया। हर कोई बाबा के अंतिम दर्शन के लिए बनखंडी महादेव मंदिर पहुंचा। यहां पर सभी लोगों ने उनके अंतिम दर्शन किए। भारी भीड़ उमड़ने के चलते वहां के मौजूद मौजूद और मंदिर के लोगों ने सारी व्यवस्थाएं दुरुस्त कराई और बाबा के अंतिम दर्शन भी कराए।

शिवरात्रि के दिन बिगड़ी थी तबीयत

पूर्व पार्षद ने बताया कि शिवरात्रि के महापर्व के दौरान बाबा रघुनाथ बोले की तबीयत अचानक बिगड़ गई थी। उन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां उनका इलाज चल रहा था लेकिन इलाज के दौरान ही बीती रात अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली और अपना शरीर त्याग दिया। उनकी मृत्यु के समाचार मिलने से पूरे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई है।

1960 से कर रहे थे सेवा

लोगों ने बताया कि रघुनाथ भोले बाबा आगरा कॉलेज से एमए किये हुए थे। सन् 1960 से भगवान भोले की ऐसी कृपा हुई कि वह उनकी भक्ति में रम गए और सब कुछ छोड़कर बनखंडी महादेव मंदिर पहुंचकर भगवान भोलेनाथ की सेवा करने लगे। तभी से रघुनाथ भोले बाबा निरंकर बनखंडी महादेव की पूजा आराधना करने लगे। बनखंडी महादेव मंदिर के महंत बने और यहीं रह कर पूजा अर्चना करने लगे।

अन्न ग्रहण नहीं करते थे बाबा

रघुनाथ भोले बाबा के शिष्यों ने बताया कि वह अन्न ग्रहण नहीं करते थे। उनकी तपस्या ही उनके लिए भोजन थी। निरंतर रहे लोगों और भक्तों की सेवा में लगे रहते थे। किसी को किसी तरह की दिक्कत न हो यह उनका प्रयास रहता था लेकिन आज तक उन्होंने अन्न ग्रहण नहीं किया यह उनकी सच्ची तपस्या का फल था।

यमुना के पानी से करते थे भंडारा

बताया जाता है कि बनखंडी महादेव मंदिर के सबसे पहले महंत भोले बाबा थे। वह यमुना के पानी से भंडारा किया करते थे। उनके जाने के बाद रघुनाथ भोले बाबा ने बनखंडी महादेव मंदिर के महंत की गद्दी संभाली और उन्होंने इस प्रथा को जारी रखा। वह शिवरात्रि और बड़े आयोजनों पर भंडारी किया करते थे और मंदिर आने वाले साधु संतों को कंबल भी वितरित किया करते थे।

दोपहर 2 बजे मंदिर में लगेगी समाधि

लोगों ने बताया कि दोपहर 2:00 बजे तक बाबा की पार्थिव शरीर को भक्तों के अंतिम दर्शन के लिए रखा गया है। दोपहर 2:00 बजे के बाद ही बनखंडी महादेव मंदिर के प्रांगण में ही रघुनाथ भोले बाबा के पार्थिव शरीर को दफनाया जाएगा और यहीं पर उनकी समाधि लगेगी। विधि विधान से इस कार्य को किया जाएगा जिससे हर भक्त उनके अंतिम दर्शन कर सके।

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