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आगरा मेयर ने शुरू की नई परंपरा, सदन में पार्षदों को मिला सम्मान

by admin
Agra Mayor started a new tradition, the councilors got respect in the house

आगरा। आज सोमवार को नगर निगम के सदन कक्ष में 26वें (विशेष अधिवेशन) पुनरीक्षित बजट वर्ष 2021-22 की बैठक हुई जिसकी अध्यक्षता महापौर नवीन जैन ने की। इस बैठक से पूर्व महापौर नवीन जैन की ओर से नई परंपरा की शुरुआत करते हुए निर्धारित श्रेणी में ऐसे पार्षदों को सम्मानित किया गया जो जनता की सेवा में सबसे आगे रहे और सबसे ज्यादा नगर निगम को अपना समय दिया।

इसके लिए तीन श्रेणियां निर्धारित की गई थी। पहली श्रेणी में उन पार्षद को लिया गया जिनका नगर निगम बोर्ड में सर्वाधिक कार्यकाल रहा है। उसमें वार्ड 47 के पार्षद शिरोमणि सिंह का नाम रहा। दूसरी श्रेणी, में वे पार्षद थे जो वर्ष 2018 से लेकर वर्तमान तक हुए 25 अधिवेशन में सबसे ज्यादा उपस्थिति रही। उन पार्षदों में राकेश जैन, बच्चू सिंह, राजेश्वरी चौधरी, सीमा देवी चक, मनोज सोनी, धर्मवीर सिंह, महेश संवेदी रहे। तीसरी श्रेणी में सबसे अधिक उम्र वाले एवं पुराने पार्षद को लिया गया जिसमें ओम प्रकाश धाकड़ और रवि बिहारी माथुर शामिल रहे। महापौर नवीन जैन और नगर आयुक्त निखिल टीकाराम आईएएस द्वारा उक्त सभी पार्षदों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। इस सम्मान को पाकर पार्षद अभिभूत नजर आए और आगरा नगर निगम में इस नई परंपरा को शुरू करने के लिए महापौर नवीन जैन का धन्यवाद एवं आभार जताया।

इससे पूर्व 16 व 17 दिसंबर को वाराणसी में हुए अखिल भारतीय महापौर सम्मेलन में अखिल भारतीय महापौर परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं आगरा महापौर नवीन जैन द्वारा पार्षदों को प्रतिमाह ₹15000 का वेतन दिए जाने की मांग उठाने पर सदन में मौजूद सभी पार्षदों ने एकमत होकर महापौर नवीन जैन का धन्यवाद एवं आभार जताया। सभी दल के पार्षदों ने महापौर को मुकुट व 51 किलो की बड़ी माला पहनाकर उनका अभिनंदन किया।

इस मौके पर महापौर नवीन जैन ने कहा कि वाराणसी में हुए अखिल भारतीय महापौर सम्मेलन में उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप पुरी के साथ-साथ उत्तर प्रदेश के नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन से रूबरू होने का मौका मिला। उन्होंने महापौरों के अधिकारों को बढ़ाने के साथ-साथ पार्षदों को प्रतिवर्ष मिलने वाले मात्र 18000 भत्ते की बात को रखा। इस दौरान उन्होंने पार्षदों को ₹15000 प्रतिमाह देने की मांग उठाई।

महापौर का कहना था कि हमारे पार्षद बिना किसी वेतन के दिन-रात सीधे जनता की समस्याओं का समाधान करने में जुटे रहते हैं। इसके बदले में उन्हें 1 साल में सिर्फ ₹18000 भत्ते के रूप में मिलते हैं जो बहुत कम है। जबकि अन्य प्रदेशों के नगर निगम में पार्षदों को अच्छा वेतन मिलता है। इसलिए उन्होंने पार्षदों की इस मांग को उठाया। वहीं कुछ निर्धारित श्रेणी के तहत पार्षदों को सम्मान देने की परंपरा शुरू की गई है। आज सदन में मौजूद सभी पार्षदों ने भी मेरा जो अभिनंदन और सम्मान किया है उसके लिए भी मैं सभी का आभार एवं धन्यवाद व्यक्त करता हूं।

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