आगरा। सीडीएस बिपिन रावत की मौत पर पूरा देश शोक में डूबा है लेकिन इस हादसे के बाद आगरा वासियों का दुःख दोहरा हो गया है। क्योंकि हेलीकॉप्टर हादसे में सीडीएस बिपिन रावत के साथ आगरा के लाल पृथ्वी सिंह चौहान की भी मौत हुई हैं। पृथ्वी सिंह उस हेलीकॉप्टर के पायलट थे जिस हेलीकॉप्टर से दु:खद हादसा हुआ है। हादसे में सीडीएस रावत, उनकी अपत्नी और 10 अन्य जवानों के अलावा वायुसेना ने एक जाबांज पायलट पृथ्वी चौहान को भी खो दिया है। हादसे की जानकारी के बाद शहीद पृथ्वी सिंह चौहान के थाना न्यू आगरा क्षेत्र के दयालबाग सरन नगर स्थित घर पर रिश्तेदारों और पड़ोसियों की भीड़ जुटी हुई है। इकलौते बेटे की मौत की खबर के बाद 75 वर्षीय पिता सुरेंद्र सिंह सकते में है तो वहीँ माँ और अन्य परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है। आंखों में आंसू है, चेहरे पर बेबसी है। उन्हें बेटे की बातें याद आ रही है।
पृथ्वी सिंह के पिता सुरेंद्र सिंह ने बताया कि 3 दिन पहले बेटे का फोन आया था बहुत सारी बातें की थी। बेटा जल्दी ही उनसे मिलने घर आने वाला था लेकिन अब उसकी मौत की खबर आई है। बेटे ने उनकी आंख का इलाज करवाने का वादा किया था लेकिन अब सब कुछ अधूरा रह गया है।
पिता सुरेंद्र सिंह ने बताया कि पृथ्वी सिंह चार बहनों में सबसे छोटा है। उनका बेटा बेहद मिलनसार था जिससे मिलता था, उसका दिल जीत लेता था। उन्होंने बताया कि आखिरी बार बेटा रक्षाबंधन पर घर आया था। तीन बहनों के साथ उसने धूमधाम से रक्षाबंधन का त्यौहार मनाया था। पृथ्वी के युद्ध कौशल की वायुसेना कायल थी। सूडान में विशेष ट्रेनिंग लेने के बाद पृथ्वी की गिनती वायुसेना के जाबांज पायलट्स में होती थी। पृथ्वी सिंह चौहान वर्तमान में कोयम्बटूर के पास एक एयरफोर्स स्टेशन पर तैनात था। दोपहर में जब हेलीकॉप्टर क्रेश होने की खबर आई तो बड़ी बेटी शकुंतला ने अपने भाई पृथ्वी को फोन किया। उनका फोन स्विच ऑफ जा रहा था। इस पर बहू कामिनी को संपर्क साधा, कामिनी ने इस दुखद हादसे की जानकारी दी।
एयरफोर्स ज्वाइन करने के बाद पृथ्वी की पहली पोस्टिंग हैदराबाद हुई थी। इसके बाद वे गोरखपुर, गुवाहाटी, ऊधमसिंह नगर, जामनगर, अंडमान निकोबार सहित अन्य एयरफोर्स स्टेशन्स पर तैनात रहे। उन्हें एक वर्ष की विशेष ट्रेनिंग के लिए सूडान भी भेजा गया था।