Agra. सरकारी तेल कंपनियों की ओर से लगातार पेट्रोल-डीजल के दामों में बढ़ोतरी की जा रही है। डीजल के दाम एक बार फिर लगभग 35 से 38 पैसे तो वहीं पेट्रोल के दाम 26 से 30 पैसे बढ़ गए है। आगरा शहर में नार्मल पेट्रोल ₹100 पार कर चुका है तो वहीं प्रीमियम पैट्रोल और डीजल की बात करें तो वह लगभग 103 से ₹104 प्रति लीटर के हिसाब से बिक रहा है। पेट्रोल और डीजल के बढ़ते दामों को लेकर आम उपभोक्ता और वाहन चालक की सरकार को कोसते हुए नजर आ रहे हैं।
खेरिया मोड़ स्थित पेट्रोल पंप पर अपनी गाड़ी में पेट्रोल डलवा रही है एक वाहन चालक ने बताया कि अब तो स्थिति यह हो गई है कि गाड़ी को छोड़कर एक बार फिर साइकिल या फिर बैलगाड़ी को थामना पड़ेगा। क्योंकि पेट्रोल के दाम इसी तरह बढ़ते रहे तो लोग वाहन चलाने के लिए पेट्रोल या डीजल डालवायेंगे या फिर अपने परिवार का भरण पोषण के बारे में सोचेंगे करेंगे। केंद्र सरकार ने पेट्रोल कंपनियों को खुली छूट दे दी है कि अब आम जनता को जितना लूटा जाए लूट लिया जाए।
साईं की तकिया स्थित पेट्रोल पंप पर भी वाहन चालकों की यही प्रतिक्रिया देखने को मिली। उनका कहना था कि केंद्र सरकार की जिम्मेदारी होती है कि महंगाई दर को कम करें, आम जनता को राहत देनी है तो महंगाई पर काबू करें लेकिन यहां तो स्थिति उल्टी ही नजर आ रही है। सरकार खुद पेट्रोल कंपनियों के साथ मिलकर पेट्रोल और डीजल के दामों में बढ़ोतरी कर रही है। जिसका सीधा असर आम लोगों पर पड़ रहा है। केंद्र सरकार नहीं चाहती कि पेट्रोल और डीजल पर छूट दी जाए जिससे आम लोगों को राहत मिले।
पेट्रोल और डीजल के बढ़ते दामों को लेकर लोगों का कहना था कि डीजल के दाम बढ़ने से ट्रांसपोर्ट भी किराए में वृद्धि कर देते हैं। किराए में वृद्धि होने का सीधा असर खाद्य वस्तुओं पर पड़ता है और खाद्य वस्तुएं भी महंगी हो जाती हैं यानी कि सरकार एक तीर से दो निशाने चला रही है। अपनी जेब भरने के लिए पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ा रही है तो वहीं आम व्यक्ति की थाली से खाने को छीनने का काम कर रही है।
पेट्रोल और डीजल के बढ़ते दामों को लेकर लोगों का कहना था कि अभी तक तीन सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर जीएसटी लगाने के बारे में नहीं सोचा है। अगर सरकार पेट्रोल और डीजल पर जीएसटी लागू कर दें तो पेट्रोल और डीजल की कीमतें आधी हो सकती हैं लेकिन केंद्र सरकार का इस ओर कोई ध्यान नहीं है, क्योंकि वह जनता को राहत नहीं देना चाहती।