Agra. शराब की बोतल में असली क्यूआर कोड लगा है लेकिन उसके अंदर शराब नकली है। इस शराब को सरकारी ठेकों पर धड़ल्ले से बेचा जा रहा है। आगरा पुलिस ने ऐसे ही गिरोह और नकली शराब की फैक्ट्री का खुलासा किया है। आगरा पुलिस ने नकली शराब के धंधे में शामिल सरकारी ठेके के दो सेल्समैन को भी गिरफ्तार किया है। इस पूरे गिरोह का खुलासा एसएसपी मुनिराज ने प्रेसवार्ता के दौरान किया।
अलीगढ़ में नकली शराब से 117 मौताें का मामला अभी ठंडा भी नहीं पड़ा था कि आगरा में नकली शराब बनाने की बड़ी फैक्ट्री का खुलासा हुआ है। अवैध शराब के सौदागरों ने नकली शराब पकड़ में न आये इससे बचने के लिए नया तरीका निकाल लिया है। शराब माफिया रेक्टीफाइड स्प्रिट से नकली शराब तैयार करके उस बोतल असली क्यूआर कोड लगे कार्टन में पैक करके सप्लाई कर रहे हैं। इस पूरे मामले का खुलासा अछनेरा थाना पुलिस की छापामार कार्यवाही से हुआ है। नकली शराब फैक्ट्री पर हुई कार्यवाही में सैकड़ों लीटर रेक्टीफाइड स्प्रिट, ढक्कन, रैपर, बोतल और क्यूआर कोड बरामद किए हैं।
अछनेरा थाना क्षेत्र में जयपुर हाईवे पर महुअर गांव के पास स्थित हर्ष ढाबा में नकली शराब बनाये जाने की सूचना पर शुक्रवार को सीओ अछनेरा महेश कुमार और इंस्पेक्टर अछनेरा उदयवीर सिंह मलिक ने छापा मारकर छह ड्रम रेक्टीफाइड स्प्रिट, कलर, ढक्कन, क्यूआर कोड और कार्टन बरामद किए थे। मौके से पुलिस ने रायभा निवासी रामवीर और महुअर निवासी विष्णु को गिरफ्तार कर लिया। इनसे पूछताछ के बाद जो खुलासा हुआ उससे पुलिस के होश उड़ गए। क्षेत्र में एक ओर नकली शराब फैक्ट्री चल रही थी।
इसकी दूसरी फैक्ट्री के तहखाने से 4200 लीटर रेक्टीफाइड स्प्रिट से भरे 21 ड्रम, बनी और अधबनी नकली देसी शराब, क्यूआर कोड के पैक्ड देसी शराब के कार्टन मिले जिसे पुलिस ने स्कैन किया तो वह असली निकला। इसको स्कैन करने पर डिस्टिलरी से लेकर रिटेलर तक की पूरी डिटेल आ रही थी। इसके मुताबिक शराब का उत्पादन मुजफ्फर नगर की डिस्टलरी में हुआ और यह बिक्री के लिए रकाबगंज थाना क्षेत्र की एक शराब की दुकान पर आई थी।
पुलिस ने इस कार्टन को खोलकर देखा गया तो उसके एक बार फिर होश उड़े। इस कार्टन में फाइटर ब्रांड देसी शराब के पौव्वे निकले। पुलिस ने बोतल पर चिपके क्यूआर कोड यूपी एक्साइज स्कैनर एप से स्कैन किया गया तो पौव्वा स्कैन नहीं हुआ। इससे पता चल गया कि यह शराब नकली है। क्योंकि क्यूआर कोड आम आदमी को नहीं मिल सकता। यह विभागीय आनलाइन पोर्टल से सीधे शराब उत्पादक द्वारा ही जनरेट करके बोतल पर लगाया जाता है। क्यूआर कोड आबकारी राजस्व अदायगी का प्रमाण होता है।
आरोपियों से पूछताछ में पुलिस को पता चला कि नकली शराब फैक्ट्री में तैयार की जा रही शराब को असली क्यूआर कोड लगे कार्टन में पैक करके रुनकता और बिचपुरी क्षेत्र के शराब ठेकों पर भेज दिया जाता था। यहां से इसकी धड़ल्ले से बिक्री हो रही थी।कार्टन पर असली क्यूआर कोड लगे होने के कारण ये चेकिंग में भी कहीं नहीं पकड़ी जाती थी। अब पुलिस की टीमें नकली शराब फैक्ट्री के आसपास की शराब की दुकानों पर छापेमारी कर रही हैं।
एसएसपी मुनिराज ने बताया कि अछनेरा पुलिस ने नकली शराब की फैक्ट्री पकड़ी है। शराब माफिया रेक्टीफाइड स्प्रिट से शराब बना रहे थे। शातिर पैकिंग के लिए शराब की दुकानों से असली क्यूआर कोड लगे कार्टन खरीदते थे और उनमें नकली शराब रखकर शराब के ठेके पर सप्लाई कर रहे थे। इसमें सरकारी ठेके के सेल्स मेनेजर भी शामिल थे। रुनकता और बिचपुरी से दो सरकारी ठेकों के सेल्स मैन को पकड़ा है जिनके पास नकली शराब मिली है।