कोरोना की दूसरी लहर में उत्तर प्रदेश में कई जिलों में तैयार हुए कोविड अस्पतालों ने मजबूरी का पूरा फायदा उठाते हुए आपदा के अवसर का जरूरत से ज्यादा लाभ उठाया। जहां एक तरफ इन अस्पतालों में इलाज में लापरवाही साफ देखी गई तो वहीं मरीजों के तीमारदारों से अनाप-शनाप बिल बनाकर जमकर लाखों की लूट की गई। ऐसे अस्पतालों को लेकर सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ की नजर टेढ़ी हो गई है। आगरा जिले में भी कई ऐसे अस्पताल हैं जिन्होंने खुलकर कोरोना मरीजों से लूट की। ऐसे अस्पतालों की सैकड़ों की संख्या में शिकायत सीएम योगी कार्यालय में पहुंची है।
आपको बताते चलें कि मरीजों को लूटने के मामले में आगरा के जिन कोविड अस्पतालों की शिकायत सीएम कार्यालय में की गई है उनमें रवि हॉस्पिटल, आयुष्मान, हेरिटेज, शांतिदेवी इन्स्टीटयूट, रामरघु हास्पिटल, नयति हॉस्पिटल, ओम हॉस्पिटल, सिनर्जी हॉस्पिटल, कमलेश टंडन नर्सिंग होम और यशवंत हॉस्पिटल शामिल हैं।
आगरा के अलावा बाराबंकी, मथुरा, हाथरस, मेरठ, गाजियाबाद, बुलंदशहर, गौतबुद्धनगर, मुजफ्फरनगर, बागपत, हापुड़, सहारनपुर, शामली, कानपुर नगर, कानपुर देहात, इटावा, औरैया, लखनऊ, खीरी,वाराणसी,आजमगढ़, जौनपुर, मऊ, भदोही, गोरखपुर, बस्ती, बहराइच, बरेली, शाहजहांपुर, मुरादाबाद, संभल, प्रयागराज व रामपुर जिलों से अस्पतालों द्वारा मरीजों से की गई लूट की शिकायतें हुईं हैं। अब तक 33 जिलों से इस तरह की 184 शिकायतें आईं हैं। इनकी जांच में 68 शिकायतें सही पाई गईं। इस आधार पर 117 मामलों में नोटिस दी गई। जांच के बाद कार्रवाई शुरू हो गई है। कई मामलों में मरीजों से वसूली गया ज्यादा पैसा वापस कराया गया तो कई जगह लाइसेंस निरस्त किया गया।
इन मामलों पर योगी सरकार ने एक्शन लेना भी शुरू कर दिया है। पूरे यूपी से ऐसे 10 अस्पतालों का लाइसेंस निरस्त कर दिया गया है और नौ के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दी गई है। अब इन मामलों में संबंधित जिलों के डीएम व सीएमओ से जवाब तलब किया जाएगा। साथ ही दोषी पाए गए अस्पताल संचालकों से वसूली भी होगी।
अवनीश अवस्थी अपर मुख्य सचिव गृह ने बताया कि मुख्यमंत्री के साफ़ निर्देश हैं कि मरीजों से ओवरचार्ज करने वाले अस्पतालों पर सख्त कार्रवाई की जाए। इसीलिए विभिन्न जिलों से आई शिकायतों पर पहले नोटिस देकर जवाब मांगा गया। इस पर जांच कराई गई। कई के खिलाफ एफआईआर करा कर सख्त कार्रवाई की जा रही है। यह अभियान आगे भी जारी रहेगा।