आगरा। कोरोना संक्रमण के बीच चक्रवाती तूफान ‘ताउते’ के चलते हो रही रिमझिम बारिश के बीच हुई मूसलाधार बारिश ने शहर में कहर बरपा दिया। शहर के कई इलाके जलमग्न हो गए। सबसे ज्यादा दिक्कत नालों के किनारों पर बसे गली मोहल्लों में थी जहाँ नाले जलमग्न हुए और कई फुट पानी सड़को पर भर जाने के कारण लोगों के घरों में भी पानी घुस गया। देर रात तक लोग इस पानी को ही बाहर निकालने में लगे रहे। इस स्थिति की कुछ तस्वीरें सामने आई।
सोमवार से शुरू हुई रिमझिम बारिश मंगलवार को भी जारी रही। मंगलवार शाम होते ही मौसम ने अपना मिजाज बदला और कई घंटों तक मूसलाधार बारिश हुई। शाम 7 बजे से तेज हवाओं के साथ शुरू हुई बारिश रात 10 बजे तक जारी रही। हवाओं की रफ्तार भी 45 किलोमीटर प्रति घंटा थी जिसने हालात डरावने बना दिये। तीन घंटो की मूसलाधार बारिश से बिजलीघर चौराहा जलमग्न हो गया। काजीपाड़ा और महावीर नाला पूरी तरह से भर गए और कई फुट तक पानी सड़कों पर जमा हो गया। जिसके कारण इन इलाकों के घरों में नाले का गंदा पानी घुस गया और घर जलमग्न हो गए। लोग रात भर घरों से बाहर पानी को फेंकने में लगे रहे।
बालूगंज, रामनगर की पुलिया केदार नगर, सहित शहर भर के दर्जन भर से अधिक इलाके ऐसे थे जो जलमग्न थे और लोगों को समझ नही आ रहा था कि क्या करे। थाना एत्माद्दौला के टेडी बगिया 100 फुटा रोड पर महीनों से नाला टूटा हुआ था। नाला सही ना होने के कारण बारिश से जलमग्न हुआ और क्षेत्र में जलभराव हो गया। सडक पर जलभराव हुआ और फिर पानी दुकान और मकान में घुसने लगा। इस क्षेत्र के लोग रात भर पानी निकालने में लगे रहे और रातभर इसलिए नहीं सोये कि दुबारा जलभराव हुआ तो उससे निपटना है।
बुधवार को रूक रूक कर हो रही झमाझम बारिश के बीच नाई की मंडी थाना क्षेत्र के नाला चुन पचान में एक मकान की छत भरभरा कर गिर पड़ी जिसमें दो लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। घायलों को इलाज के लिए तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया जहाँ उनकी हालत नाजुक बनी हुई है।
तेज हवाओं के साथ हुई मूसलाधार बारिश के कारण कई स्थानों पर पेड़ उखड़ गए तो कहीं बिजली के खंभे गिर गए। इन घटनाओं में कई गाड़ियां क्षतिग्रस्त हुई। विधायक हेमलता दिवाकर की गाड़ी पर भी बिजली का खंभा गिरा।
लोगों का कहना था कि एक तरफ कोरोना संक्रमण से लोग बचने का प्रयास कर रहे हैं तो दूसरी ओर यह बारिश कहर बरपा रही है। इलाके जलमग्न हो गए और गंदा पानी घरों में जमा हो गया। लोग यह सोचने को मजबूर है कि कोरोना से लड़े या फिर इस बारिश से। जलभराव से पीड़ित लोग स्थानीय प्रशासन को भी कोसते हुए नजर आए। उनका कहना था कि शहर में जलभराव ना हो उसकी जिम्मेदारी स्थानीय प्रशासन की है, नगर निगम की है लेकिन इस बारिश ने उनकी व्यवस्थाओं की भी पोल खोल दी है।