आगरा। 21वीं सदी के सबसे बड़े सूर्य ग्रहण को देखने के लिए लोगों में भारी उत्साह देखा जा रहा था। जोश, जज्बा, उमंग व हौसले से लबरेज आगरावासी 21वीं सदी के सबसे बड़े सूर्य ग्रहण को देखने के लिए पार्क और छतों पर मौजूद थे। कोई खुले आंगन में सूर्य ग्रहण देख रहा था तो कोई चश्मा लगाकर पार्क में सूर्य पर पड़ने वाले ग्रहण के प्रकोप को देख रहा था। कुछ परिवार ऐसे भी थे जो सूर्य के ग्रहण के प्रकोप को पानी की परछाई में देख रहे थे।
आपको बताते चलें कि रविवार को पड़ने वाला यह सूर्य ग्रहण 21वीं सदी का सबसे बड़ा सूर्य ग्रहण है। अमावस्या के दिन पड़ने वाले सूर्य ग्रहण के जानकार बताते हैं कि सूर्य ग्रहण को सीधे तौर पर कभी नग्न आंखों से नहीं देखना चाहिए। ऐसा सूर्यग्रहण लोगों की आंखों की रोशनी को भी प्रभावित कर सकता है। साथ ही साथ रविवार को 21वीं सदी का सबसे बड़े सूर्य ग्रहण का कई राशियों पर भी प्रभाव डाला है। उत्साह से लबरेज छतों पर सूर्य ग्रहण को देखने वाले युवा वर्ग में भारी खुशी का माहौल देखा जा रहा था।
रविवार को पड़ने वाले सूर्य ग्रहण की अगर हम बात करें तो जानकार बताते हैं कि अमावस्या और रविवार को पड़ने वाला सूर्य ग्रहण 21वीं सदी का सबसे बड़ा सूर्य ग्रहण है जो 10:12 से शुरू हुआ था और दोपहर करीब 1:30 तक देखा गया। भारत में आंशिक ग्रहण दिखाई दिया है। कुछ राज्यो में इसका प्रभाव ज्यादा देखा गया । इस दौरान शनिवार रात से ही मंदिरों के कपाट बंद कर दिए गए थे। ज्योतिष आचार्यों का दावा है कि 1090 वर्ष के बाद ऐसा सूर्यग्रहण देखा गया है जिसमें कंकणाकृती सूर्यग्रहण मृगशिरा में हुआ।
जानकार बताते हैं कि बुध, गुरु, शुक्र, शनि और राहु व केतु के वक्री होने के कारण सूर्य स्वयं कर्क में उपस्थित था। कन्या, मिथुन और मीन राशि के लिए यह लाभप्रद हो सकता है। सूर्य ग्रहण के बाद एक बार फिर मंदिरों में साफ सफाई और भगवान के अभिषेक की शुरुआत हो गयी है जिसके बाद कपाट खोले जाएंगे।