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आगरा का ये प्राइवेट अस्पताल बना सबसे बड़ा एपीसेंटर, डीएम ने पत्र जारी कर मांगी जानकारी

by admin
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आगरा। कोरोना वायरस संक्रमण के लगातार सामने आ रहे मामलों ने जिला प्रशासन को हिलाकर रख दिया है। जिले में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या सैकड़ा पार करते हुए 104 हो गई है तो जिला प्रशासन के लिए सबसे बड़ी आफत बनकर पारस हॉस्पिटल सामने आ रहा है, यह कहना है आगरा के जिला अधिकारी पी.एन सिंह का।

जिलाधिकारी का कहना है कि अब तक पारस हॉस्पिटल के 20 कोरोना पॉजिटिव केस सामने आ गए है। इनमें से 16 आगरा के और 4 टूंडला (फिरोजाबाद) के हैं, जो डायरेक्ट इनडाइरेक्ट रूप से पारस हॉस्पिटल के संपर्क में थे। गौरतलब है कि आगरा का पारस हॉस्पिटल सबसे बड़ा कोरोना का एपिसेंटर बना हुआ है।

पारस हॉस्पिटल से ही आगरा के 16 और टूंडला फिरोजाबाद के 4 कोरोना पॉजिटिव मामले सामने आने के बाद जिला प्रशासन की ओर से एक पत्र भी जारी किया गया है। इस पत्र में स्पष्ट लिखा है कि कोरोना पॉजिटिव मरीज पाए जाने के बाद 6 अप्रैल के बाद से इस हॉस्पिटल में किसी भी तरह के मरीज को भर्ती नहीं किया गया है लेकिन 22 मार्च से लेकर 6 अप्रैल के बीच जो भी मरीज इस हॉस्पिटल में भर्ती हुए हैं या फिर इस हॉस्पिटल में ओपीडी के लिए आए हुए थे। उन लोगों से अपील की गई है कि वह इसकी जानकारी जिला प्रशासन के व्हाट्सएप नंबर 8859074040 या फिर कंट्रोल नंबर 0562- 2600508, 2600412 पर दे। इस पत्र के माध्यम से जिला प्रशासन ने कुछ जानकारी भी मांगी है जैसे सूचना देने वाले व्यक्ति का नाम व पता, पारस हॉस्पिटल जाने वाले व्यक्ति का नाम व पता, यात्रा हेतु उपयुक्त परिवहन या साधन, कितने लोग एक साथ यात्रा में थे, उनका पूरा विवरण चालक सहित, घर के सदस्यों का विवरण मोबाइल नंबर सहित, हॉस्पिटल में किस किस व्यक्ति के संपर्क में आये।

जिला प्रशासन ने उक्त जानकारी 13 अप्रैल दोपहर 2:00 बजे तक मांगी है जिससे कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए उचित कदम उठाए जा सके।

जिला अधिकारी पीएन सिंह का कहना है कि केंद्र और प्रदेश सरकार की गाइडलाइन के अनुसार कोरोना के प्रकोप को कम करने के लिए काम किया जा रहा है। इस समय 89 संक्रमित लोगों का इलाज किया जा रहा है। कोरोना संक्रमित मामले जहाँ से ज्यादा आ रहे हैं, उन स्थानों को सील कर दिया गया है और आवश्यक वस्तुओं को पहुँचाने का कार्य प्रशासन द्वारा किया जा रहा है। यहाँ पर मजिस्ट्रेट और स्वास्थ्य विभाग को तैनात कर दिया जाता है। जैसे जैसे मामले बढ़ रहे है इसको देखकर रणनीति बनाकर कोरोना को रोकने के लिए काम किया जा रहा है।

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