आगरा। बाह क्षेत्र के तीर्थ बटेश्वर की अपनी ही मान्यताएं है इसलिए भारी संख्या में श्रद्धालु भगवान शिव के दर्शन के पहुँचते है। बटेश्वर शिव का धार्मिक तीर्थ स्थल होने के कारण सावन माह में इसकी मान्यताएं और बढ़ जाती हैं।
सावन माह के तीसरे सोमवार बटेश्वर में विशाल मेले का आयोजन हुआ। इस मेले में लाखों की संख्या में दूर दराज से भगवान के शिव के दर्शन के लिए भक्त पहुँचे। सैकड़ों की संख्या में कांवड़िए कांवड़ों में एटा के सोरो घाट से गंगाजल भरकर रविवार रात को ही मंदिर पहुँच गए जिन्होंने है 12 बजते ही भगवान भोलेनाथ पर गंगाजल से जलाभिषेक करना शुरू कर दिया। श्रद्धालुओं ने भगवान भोलेनाथ के मंदिर में गंगाजल का जलाभिषेक कर भगवान से अपने परिवार की सुख-समृद्धि और सुख जीवन की मनोकामना कर आशीर्वाद प्राप्त किया तो बम भोले के जयकारों से तीर्थ बटेश्वर गुंजामयन होने लगा।
सावन के तीसरे सोमवार को बटेश्वर में श्रद्धालुओं का रेला देखने को मिला जिसको लेकर पुलिस ने विशेष इंतजाम कर रखे थे। मंदिर के महंत ने बताया कि सभी श्रद्धालु हजारों की संख्या में भगवान के दर्शन करने पहुंचते हैं, तो वही कांवरियों का भी रेला तीसरे सोमवार को अधिक रहता है। पुलिस अधिकारियों द्वारा बटेश्वर में श्रद्धालुओं के लिए विशेष व्यवस्था की जाती है ताकि कोई अव्यवस्था ना फैले। भारी मात्रा में फोर्स भी तैनात किया जाता है, वाहनों के लिए विशेष तरीके से पार्किंग व्यवस्था की जाती है ताकि कोई जाम की स्थिति ना लग सके, जिसके लिए पुलिस द्वारा बैरिकेडिंग की व्यवस्था भी की जाती है और श्रद्धालुओं को एक-एक कर मंदिर में प्रवेश की अनुमति होती है। यमुना के घाटों पर पीएससी गोताखोरों की तैनाती की गई थी ताकि यमुना में स्नान करने वाले लोग गहरे पानी में जाकर किसी अनहोनी का शिकार नाहो सकें, जिसके लिए विशेष व्यवस्था की गई।
मंदिर पुजारी प्रकाश गोस्वामी के अनुसार जो भी भोले के दर आया उसे सब कुछ प्राप्त हुआ, निसंतान को संतान प्राप्त होती है, निर्धन को धन, साल भर में हर वर्ष लाखों लोग भगवान के दरबार में दर्शन करने के लिए आते हैं और भगवान से प्रार्थना करते हैं भगवान उनकी झोली भरते हैं जो लोग मनोकामना पूर्ण होने पर भगवान के दरबार में घंटा इत्यादि चढ़ाते हैं।