आगरा। पिछले कई दिनों से लगातार हो रही बारिश ने जनपद के ग्रामीण इलाकों में कहर बरपाया है। कई विधानसभाओं में मकान गिरने से कई लोगों की मौत हुई है तो लोग बेघर भी हो गए है। इस समय लगातार हो रही बारिश ने फतेहपुर सीकरी के दूरा गांव की तस्वीर को पूरी तरह से बदल दिया है। चारों ओर सिर्फ पानी ही पानी नजर आ रहा है। इस गांव में जिधर भी नजर डालो 3 से 5 फुट पानी भरा हुआ है। एक दशक से कभी सूखा तो कभी कम बारिश से परेशान जनपद में इस बार मानसून पूरी तरह से मुखर हुआ है।
इस मानसून ने आफत खड़ी कर दी है। सबसे ज्यादा प्रकृति आपदा तो दूरा गांव पर देखने को मिल रही है। 3 से 5 फुट पानी जमा होने के कारण दूरा गांव से गुजरने वाली 12 गांव का रास्ता भी जलभराव में खो गया है। इन सभी गांव में करीब डेढ़ लाख लोग फंसे हुए हैं। अब यह गांव गांव नहीं रहा है बल्कि टापू में तब्दील हो गया है। जिसके चारों ओर सिर्फ पानी ही पानी है और बीच में रिहाईशी इलाका जो सिर्फ इस समय पानी में डूबा हुआ नजर आ रहा है। चारों ओर पानी ही पानी है लेकिन इसके बावजूद भी ग्रामीण पेयजल को परेशान है। गांव में पेयजल का एक ही कुआं था वो भी गंदगी से लवालाब है। गांव में मूलभूत सुविधाएं पूरी तरह से बंद हो चुकी है। इन तमाम प्राकृतिक आपदाओं से जूझ रहे लोग अब पलायन को मजबूर है।
इस प्राकृतिक आपदा के दर्द किसानों की आखों में साफ झलक रहा है। किसानों की आंखों से बह रहे आँसू थम नहीं रहे है। किसानों का कहना है कि इस बारिश ने सब बर्बाद कर दिया। बुजुर्ग किसानों का कहना है कि इस बारिश ने 46 साल पहले की तबाही याद दिला दी है। 46 साल पहले भी इसी तरह की तबाही हुई थी। उस समय तीन दिनों तक मुश्लाधार बारिश हुई थी और सब कुछ बर्बाद हो गया था।
बिजली गुल:
पिछले 11 दिनों से गांव में बिजली नहीं है। फीडर के यार्ड में 5 फूट पानी भरा है और पांच केवी के ट्रांसफार्मर पानी मे डूब गए है।
पेयजल का संकट:
गांव में जलभराव से पेयजल संकट पैदा हो गया है। कुए गंदे पानी से लबालब हो गए है जो अब पीने लायक नही है। गांव के लोग जलभरब के बीच दो दो किलोमीटर दूर जाकर पानी लाने को मजबूर है।
चौपट हुई शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं:
बारिश का पानी स्कूलों में भर गया है जिसके कारण सभी प्राथमिक विद्यालय बंद पड़े हुए है। क्षेत्र के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भी सेवाएं ठप पड़ी हुई है।
फसल हुई बर्बाद:
इस प्राकृतिक आपदा ने किसानों की कमर तोड़ दी है। खेतोके भी तीन तीन फीट पानी भर जाने से सभी फसल बर्बाद हो गयी है। यह दर्द किसानों की आंखों में साफ झलक रहा है। 20 गांव की करीब 60 हजार खेती बारिश की भेंट चढ़ गई है।