आगरा में अवैध रूप से चल रही झोलाछाप डॉक्टरों की दुकानों पर अंकुश लगाने के लिए पिछले कुछ दिनों से स्वास्थ्य विभाग की टीम सक्रिय हो गई है। सोमवार को एक हॉस्पिटल में लिंग परीक्षण का मामला पकड़ने के बाद मंगलवार को चिकित्सा विभाग की टीम शहर भर में अवैध रूप से चल रहे हॉस्पिटल व क्लीनिकों की जांच के लिए निकली। एक टीम ट्रांस यमुना क्षेत्र में गई तो दूसरी टीम ने आवास विकास क्षेत्र में छापेमार कार्रवाई की।
सबसे पहले टीम ने सेक्टर 7 स्थित डॉ. नागपाल क्लीनिक पर छापा मारा। झोलाछाप चिकित्सक यहां पर मरीजों का इलाज कर रहा था। उसके पास ना ही कोई डिग्री थी और ना ही कोई डिप्लोमा लेकिन अवैध रूप से यहां इलाज बदस्तूर जारी था। जांच के दौरान यह झोलाछाप चिकित्सक किसी तरह की कोई डिग्री आदि भी डॉक्टर को नहीं दिखा सका। जिसके चलते इस क्लीनिक को सील कर दिया गया। कार्यवाही के दौरान प्रशासनिक अधिकारी के तौर पर एसडीएम सदर भी उपस्थित थे।
एसडीएम सदर ने बताया कि शहर में अवैध रूप से चल रहे इस तरह के क्लीनिक लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ ना कर सके इस कारण यह कार्रवाई की जा रही है।
यहां से विभाग की टीम बोदला स्थित प्रज्ञा हॉस्पिटल पर पहुंची। यह बैड विभाग में रजिस्टर्ड तो था लेकिन इसके नवीनीकरण आदि की प्रक्रिया अभी पूरी नहीं हुई थी जिसके चलते विभाग ने यहां पर जांच के दौरान हॉस्पिटल में एक भी मरीज नहीं मिला और ना ही किसी तरह का स्टाफ व डॉक्टर यहां मौजूद था। यहां पर एक दो लोग नजर आए। उनका कहना था कि पिछले कई दिनों से मरीज भर्ती नहीं है लेकिन जांच के दौरान इस तरह की बात सामने आई कि यहां पर बकायदा मरीज भर्ती हो रहे थे। क्योंकि कुछ देर पहले ही यहां से बायो मेडिकल वेस्ट लेकर गाड़ी रवाना हुई थी जिसे विभाग की टीम ने देखा था। जांच के दौरान यहां का संचालक तो नहीं आया लेकिन स्टाफ के एक दो लोग आ गए। लेकिन कोई भी कागजात नहीं दिखा सके। मरीज भर्ती ना होने के चलते विभाग की ओर से कोई कड़ी कार्रवाई तो नहीं की गई लेकिन फिलहाल हॉस्पिटल को नोटिस जारी किया गया है और अपने कागजात प्रस्तुत करने के लिए निर्देशित किया गया है।
टीम बिचपुरी स्थित पाठक हॉस्पिटल पर गई और वहां पर जांच की। इसी तरह से ट्रांस यमुना क्षेत्र में जांच के लिए हॉस्पिटल समेत कई हॉस्पिटल की जांच की। जिन हॉस्पिटल के कागजात पूरे नहीं थे उनको नोटिस दिया गया है। विभाग का कहना है कि आने वाले दिनों में चेकिंग की कार्यवाहियां लगातार चलेंगी ताकि इलाज के नाम पर कमाई के अड्डे चला रहे अवैध हॉस्पिटलों पर कार्रवाई की जा सके।