आगरा। 2 मई को आगरा जिले में जो विनाशकारी तूफान आया था और जो तूफान किसानों और ग्रामीणों को जख्म देकर गया है वह जख्म अभी तक भर नहीं पाए हैं। हाल ही में एक किसान जिसने इस तूफान में अपनी बेटी को खोया था मुआवजे के रुप में मिले चेक को बैंक में जमा करने के लिए बैंक में खाता खुलवाने के लिए महीनों तक चक्कर लगाता रहा लेकिन अंत में उसे सिर्फ दुत्कार ही मिली। दूसरा मामला पिनाहट थाना क्षेत्र के मोहल्ला बावन टूला का है। यहां पर एक परिवार जो विनाशकारी तूफान की चपेट में आने से जख्मी हो गया था। अब उस परिवार की बहू अपनी पति के इलाज के लिए भीख मांगने को मजबूर है लेकिन संवेदनहीन प्रशासन को इससे कोई सरोकार नहीं है।
चारपाई पर पड़ा यह युवक भगीरथ है। जिसके दोनों पैर जख्मी है। जिसका इलाज एक प्राइवेट अस्पताल में चला। लेकिन ऑपरेशन के लिये पैसे न होने के चलते परिजन बिना ईलाज के घायल को घर ले आये और अब युवक घर की चारपाई पर पड़ा है।
घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। घर में जो भी था इलाज में खर्च हो गया। अब भगीरथ की पत्नी अपने बच्चों संग पति के इलाज के लिये दर दर मदद की भीख मांग रही है।
पीड़ित परिवार ने बताया कि 2 मई को आये तूफान की चपेट में टिन शेड गिरने से भगीरथ घायल हो गये थे। लहूलुहान अवस्था में परिजनों ने निजी अस्पताल में आगरा भर्ती करवाया था लेकिन पैर में हुए फैक्चर के ऑपरेशन के लिये पैसे न होने के कारण परिजन युवक को घर ले आये। परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण परिजन ऑपरेशन नहीं करा पा रहे हैं । शासन की तरफ से आर्थिक मदद के रूप में केवल 4300 रुपये का मुआवजा मिला है। जो कि इस इलाज के लिये नाकाफी है। वहीं पीड़ित परिवार ने अपनी माली हालत देखते हुए युवक के इलाज में असमर्थता जतायी है।
भले ही जिला प्रशासन ने इस पीड़ित परिवार को आर्थिक मदद का चैक थमा कर अपनी जिम्मेदारी को भूल गया हो लेकिन उसकी पत्नी उसकी धर्मपत्नी होने का पूरा फर्ज अदा कर रही है। उसे मालूम है कि पति है तो सब कुछ है इसीलिए तो वह दर्द है। भीख मांगकर अपने पति के इलाज के लिए पैसा एकत्रित करने में लगी हुई है।