आगरा। चंबल नदी एक बार फिर उफान पर है। इस उफान के कारण नदी के तटवर्ती इलाकों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। नदी के बढ़ते जलस्तर को लेकर जिला प्रशासन भी हरकत में नजर आ रहा है। चंबल नदी के बढ़ते जल स्तर पर प्रशासनिक अधिकारी निगाहें बनाए हुए हैं तो बुधवार सुबह उप जिलाधिकारी बाह ने चंबल नदी के तटवर्ती इलाकों का दौरा किया और पिनाहट घाट पर चंबल नदी के जलस्तर को भी देखा। चंबल नदी के लगातार बढ़ते जलस्तर को लेकर प्रशासनिक अधिकारियों ने चंबल नदी के तटवर्ती इलाकों में अलर्ट जारी कर दिया है
बताया जाता है कि राजस्थान के कोटा बैराज से 3.5 लाख क्यूसेक भारी मात्रा में पानी छोड़ा गया है। एक साथ इतना पानी छोड़े जाने से चंबल नदी उफान पर है और खतरे के निशान से 5 मीटर नीचे बह रही है। अगर इसी तरह से जलस्तर बढ़ा रहा तो चंबल नदी खतरे के निशान को पार कर जाएगी और तटवर्ती इलाकों में बाढ़ जैसे हालात हो सकते हैं। बताया जाता है कि चंबल नदी में तीसरी बार भारी उफान आया है। चंबल नदी में बढ़ते जलस्तर को लेकर नदी के तटवर्ती इलाकों के लोगों ने सुरक्षित स्थान पर भी जाना शुरू कर दिया है।
चंबल नदी के बढ़ते जलस्तर को लेकर उप जिलाधिकारी वाह महेश प्रकाश गुप्ता का कहना था कि कोटा बैराज से लगातार पानी छोड़ा जा रहा है जिससे चंबल नदी का जलस्तर बढ़ता चला जा रहा है। पिनाहट घाट पर नदी का जलस्तर नापा गया है जो अभी खतरे के निशान से नीचे है लेकिन नदी के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए नदी के तटवर्ती इलाकों में लोगों को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं साथ ही बाढ़ चौकियां भी स्थापित कर दी गई हैं जिससे किसी भी स्थिति का सामना किया जा सके और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा सके।