आगरा। कृषि बिलों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन के तहत 6 फरवरी को पूरे देश में चक्का जाम का आवाहन किया गया है। किसान नेताओं के इस फैसले से योगी सरकार में खलबली मची हुई है। शायद यही वजह है कि शांति व्यवस्था बनाए रखने के नाम पर किसानों को पाबंद किया जा रहा है। आगरा की बहुचर्चित किसान नेता श्याम सिंह चाहर ओर सावित्री चाहर को एक नोटिस थमाया गया है। श्याम सिंह चाहर ओर सावित्री चाहर अभी हाल ही में गाजीपुर बार्डर पर चल रहे धरने में शामिल रहकर किसान नेता राकेश टिकैत से मिल वापस लौटे हैं। किसान नेता श्याम सिंह चाहर का कहना की प्रदेश सरकार ने 20 लाख का नोटिस थमाया है।
बता दें कि उत्तर प्रदेश पुलिस ने चक्का जाम का ऐलान होने के बाद कड़ी कार्रवाई करने का मन बना लिया है। चक्का जाम के दौरान कुछ भी लोक शांति भंग करने वाली घटना घटित हुई तो किसान नेताओं पर कड़ी कार्रवाई होना तय है। पुलिस ने आशंका जाहिर की है कि किसान आंदोलन के समर्थन में जनसभा किए जाने हेतु एकत्रित होने वाली भीड़ में कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा भीड़ को उकसाने व उत्तेजित करने के लिए नारेबाजी और अन्य समुदाय व वर्गों के व्यक्तियों के विरुद्ध टिप्पणी करने व सार्वजनिक संपत्ति वाहनों आदि में तोड़फोड़ के साथ पथराव और आगजनी जैसी घटनाओं को अंजाम दिया जा सकता है जिससे लोक शांति भंग होगी।
किसानों को धारा 31 और 33 के तहत नोटिस थमाते हुए पुलिस ने निर्देशित किया है कि सांप्रदायिक व क्षेत्रीय सौहार्द कायम रखने ब किसी भी दशा में प्रतिक्रिया स्वरूप कोई आंदोलन, पंचायत, रोड जाम, मोटरसाइकिल यात्रा या जुलूस आदि न निकालें। पुलिस ने चेतावनी दी है कि यदि नोटिस का उल्लंघन किया जाता है और कोई अप्रिय घटना घटित होती है तो उसके विरुद्ध समुचित धाराओं में अभियोग पंजीकृत कर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी, क्षतिग्रस्त संपत्ति का मूल्य भी सक्षम अधिकारी द्वारा वसूला जाएगा।
हालांकि नोटिस में पुलिस ने इसे परामर्श की संज्ञा दी है। किसान नेता सावित्री चाहर को नोटिस में भी थाना मलपुरा पुलिस ने स्पष्ट कर दिया है कि किसी भी प्रकार की अवांछित व गैर कानूनी आचरण किए जाने पर आपराधिक वाद वं क्षतिपूर्ति के लिए किसान नेता ही जिम्मेदार होंगे
किसान नेता श्याम सिंह चाहर और किसान नेताओं ने किसानों के आंदोलन को बरकरार रखते हुए अपनी आवाज बुलंद की। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ओर प्रधानमंत्री मोदी दमनकारी नीति के साथ कार्य कर रहे हैं। किसानों के चक्का जाम के आवाहन से योगी ओर मोदी सरकार डर गई है। यही वजह है कि आधी-आधी रात को योगी की पुलिस किसान नेताओं को घर-घर जाकर नोटिस थमा रही है। उन पर दबाव बनाया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि किसान नेता होने के बावजूद उन्हें आधी रात को नोटिस थमाने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि कृषि बिल वापस न होने तक आंदोलन जारी रहेगा। किसानों का आंदोलन शांतिपूर्ण तरीके से चलता रहा है, चलता रहेगा।
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