आगरा। ब्लैक फंगस को लेकर भले ही योगी सरकार सतर्क हो और तमाम तैयारियां कर रही हो लेकिन धरातल पर हकीकत कुछ और ही है। वहीँ आगरा प्रशासन के दावे के विपरीत एसएन मेडिकल कॉलेज में ब्लैक फंगस की जीवन रक्षक दवाइयां उपलब्ध नहीं है जबकि दूसरी ओर आगरा में ब्लैक फंगस के मरीज बढ़ते जा रहे हैं जिसमें अब तक 2 मरीजों की मौत हो चुकी है। ऐसे में ब्लैक फंगस के इलाज की तैयारियों को लेकर आगरा प्रशासन पर भी सवाल उठ रहे हैं।
एसएन मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य संजय काला ने बताया कि ब्लैक फंगस के इलाज में तीन तरह की दवाइयां आइसोवीकोनाजोल टेबलेट, पोसोकोनाजोल सीरप और एंफोटरइसिन-बी इंजेक्शन का इस्तेमाल किया जा रहा है। आइसोवीकोनाजोल टेबलेट मरीज को तीन टाइम दी जाती है। पोसोकोनाजोल सीरप भारत में सिर्फ 6 कंपनियां बनाती हैं। इस वक्त ये सीरप उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। एंफोटरइसिन-बी इंजेक्शन मरीज को सुबह या तो शाम अन्यथा ज्यादा गंभीर मरीजों को एक दिन में 2 से भी ज्यादा इंजेक्शन लगाए जाते हैं। इस इंजेक्शन की भी कमी है।
पोसोकोनाजोल सिरप 20,500 की आती है। यह सीरप सिर्फ 7 दिन चलती है। एंफोटरइसिन-बी इंजेक्शन 7200 का आता है जो एक मरीज को एक दिन में दो-तीन या इससे भी ज्यादा लग सकते हैं। एसएन मेडिकल के प्राचार्य संजय काला ने बताया कि इस वक्त अभी ब्लैक फंगस के मरीजों के इलाज के लिए दवाइयां उपलब्ध नहीं हैं। इंजेक्शन भी कम मात्रा में उपलब्ध हैं। इसलिए उन्होंने प्रशासन को पत्र लिखा है।