नई दिल्ली। देश की राजनीति को अपराधीकरण से बचाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को विशेष अदालत बनाने निर्देश दिए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को 6 हफ्ते का वक़्त देते हुए कहा है कि बताएं विशेष अदालत बनने में कितना वक़्त और पैसा लगेगा। इसके जवाब में केंद्र सरकार ने न केवल इसका समर्थन किया है बल्कि सरकार ने कोर्ट को कहा कि वे भी दागी माननीयों के जीवन प्रतिबन्ध पर सक्रिय रूप से कार्यवाई की तैयारी कर रही है।
गौरतलब है कि 2014 के लोकसभा चुनाव में विभिन्न पार्टियों में शामिल दागी नेताओं और चुनाव लड़ने वाले सांसद प्रत्याशियों की लिस्ट जारी हुई थी जिसमें कई दागियों पर आपराधिक केस भी चल रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने इन दागियों पर नकेल कसने के लिए केंद्र सरकार को विशेष अदालत बनवाने के निर्देश दिए हैं। इतना ही नहीं कोर्ट ने केंद्र सरकार से यह भी जानकारी मांगी है कि 2014 से अब तक कितने माननीयों के खिलाफ आपराधिक केस दर्ज़ हुए हैं, कितनी सुनवाई हुई और अब तक कितनों को क्या सजा सुनाई गयी। यह सुनवाई न्यायधीश रंजन गोगोई और नवीन सिन्हा की पीठ कर रही है।
कोर्ट से मिले केंद्र सरकार को इन निर्देश के बाद निश्चित तौर पर दागी माननीयों में खलबली मच गयी है। वहीँ सरकार को भी 6 हफ्ते के भीतर सारी जानकारी एकत्रित कर कोर्ट को जवाब देना है। दागी माननीयों के खिलाफ विशेष अदालत बनने के बाद उसमें दागियों के खिलाफ तेजी से ट्रायल होगा और जल्द फैसला आएगा।