आगरा। शमशाबाद कस्बे में उस समय कोहराम मच गया जब लगातार हो रही बारिश के बाद जलभराव के कारण आधा दर्जन मकान जमींदोज़ हो गए। मकानों को गिरता देखकर लोगों ने बाहर की ओर दौड़ लगाई जिससे लोगों की जान बच पाई। एक साथ आधा दर्जन मकान गिरने से नगर पालिका की ओर से कराए गए विकास कार्यों की पोल खोलकर रख दी। बताया जाता है कि यहां तीन साल पहले बनी सीवर लाइन डाली गयी थी जो लीकेज हो गई। जिससे कई मकानों में दरारें आई और कुछ मकान गिर गए। गुस्साए लोगों ने शमसाबाद नगर पालिका चेयरमैन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
लोगों का कहना था कि पूर्व में सीवर लाइन और पाइप लाइन डाली गई जो लीक हो गई और लोगों के घरों की नींव में अंदर ही अंदर पानी भरने लगा। इसकी शिकायत नगरपालिका अध्यक्ष से की गयी लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। गुरुवार हुई भयानक बारिश के बाद यहां मकान गिरना शुरू हो गए। स्थानीय लोगों के अनुसार अब तक छह मकान गिर चुके हैं। दो दर्जन से अधिक में दरारें आ चुकी हैं।
मकान गिरने से परेशान सुरेश चंद्र ने चेयरमैन पर अनदेखी का आरोप लगाया और सीवर के पानी से घर धंसने के बाद रोटी को भी मोहताज होने की बात कही। दूसरी पीड़ित पुष्पा का कहना है कि पानी जाने से मकान गिर गए। उन्होंने कहा कि चेयरमैन सिर्फ वोट माँगने आई थी लेकिन उसके बाद उनकी शक्ल तक देखने को नहीं मिली। इतना ही नहीं कई बार शिकायत के बाद भी कोई ठोस कदम नहीं उठाया जिसका नतीजा है कि आधा दर्जन मकान जमींदोज़ हो गए।
स्थानीय लोगों का कहना है कि चेयरमैन पूर्व मंत्री की पत्नी हैं और वह किसी काम से मतलब नहीं रखती हैं। कभी जनता के बीच नहीं आती हैं। सारा काम पूर्व मंत्री ही करते हैं। इस पालिका के चेयरमैन का चुनाव वर्चस्व की लड़ाई है। दो दशक से यहां पूर्व मंत्री के परिवार का ही चेयरमैन होता है। इसे वर्चस्व की लड़ाई में सिर्फ गरीब जनता का ही नुकसान हो रहा है।