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खेती छोड़ने वालों के लिए मिशाल है युवा किसान दीपांशु, इजराईल कृषि तकनीकी से उगाई सब्जियाँ

by admin

फ़िरोज़ाबाद। खेती को घाटे का सौदा मानते गांव के युवा शहर की ओर पलायन कर रहे हैं लेकिन फ़िरोज़ाबाद के एक युवा ने अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद खेती के लिए शहर से अपने पैतृक गांव की ओर रुख किया है। वह नई वैज्ञानिक तकनीक से खेती करके भरपूर मुनाफा कमा रहा है। इस युवा किसान ने मात्र पांच हजार रुपये खर्च करके ग्रीन हाउस फैक्टर तकनीकी से कड़कड़ाती सर्दी में भी गर्मियों मे उगने वाली कद्दू वर्गीय साब्जियों के पौधे तैयार कर लिये हैं। इसकी अगेती फसल को मंडी में काफी अच्छी कीमत मिल सकती है।

फिरोजाबाद के अरांव ब्लाक स्थिति ग्राम सीगेमई निवासी युवा किसान दीपांशु ने परंपरागत खेती छोड़ नई तकनीक अपनायी है।दीपांशु ने ईजराइली कृषि वैज्ञानिकों की ग्रीन हाउस फैक्टर तकनीक को अपनाया जिसमें अल्ट्रा वाईलेट फैक्टर वाली प्लास्टिक सीट से ढंक कर किसी भी ढाचे के अंदर का तापमान बढ़ाया जा सकता है। इस युवा किसान ने 40 वर्गमीटर क्षेत्रफल पर प्लास्टिक पाइप से एक ढांचा तैयार करके उसे यूवी फैक्टर प्लास्टिक सीट से ढक दिया।

इस ढांचे की खासियत यह है कि सूरज की तपिस से अंदर का तापमान बाहर खुले वातावरण की अपेक्षा काफी आधिक रहता है जिसमें आसानी से बीज का अंकुरण होकर पौधे का विकास हो जाता है। गर्मियों में उगायी जाने वाली फसलें जैसे तोरई, लौकी, करेला, टिण्डा, काशीफल, तरबूज, खरबूज, खीरा आदि के पौधो को जनवरी की सर्द ऋतु में उगा सकते है। जब ये पौधे एक माह के हो जाते है और फरवरी के प्रथम सप्ताह में मौसम में गर्माहट आ जाती है तो इन्हे खुले खेत में रोप देते हैं। यह फसल आम किसानो की फसल से एक-डेढ माह पूर्व बाजार में आ जाती है जिनकी मंडियों में काफी ऊँची कीमतों पर बिक्री होती है।

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